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सुप्रीम कोर्ट (SC)-फाइल फोटो
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार और केंद्र सरकार के बीच आए दिन किसी ना किसी मुद्दे पर खींचतान देखने को मिल जाती है. ताजा मामले में अखबारों में विज्ञापन को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गए हैं. दरअसल, दिल्ली सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट (SC) में दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि केंद्रीय कमेटी राज्य सरकार के विज्ञापनों को अखबारों में छपने से रोक रही है. वहीं विज्ञापन मामले में ही प्रधान न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है और राज्य सरकार को फटकार भी लगाई है.
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सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार किया
विज्ञापन मामले को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की अपील की थी. राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार के विज्ञापन अखबारों में नहीं छप पा रहे हैं. वकील ने आरोप लगाया कि केंद्रीय कमेटी विज्ञापन को छपने से रोक रही है. हालांकि प्रधान न्यायाधीस रंजन गोगोई ने कहा कि हम तो अखबारों में रोजाना दिल्ली सरकार के विज्ञापन को देख रहे हैं, ये विज्ञापन कहां रुक रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जल्द सुनवाई से इनकार किया है.
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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और दिल्ली सरकार हाल ही में महिलाओं को मेट्रो ट्रेन और बसों में मुफ्त यात्रा को लेकर आमने-सामने आ गए थे. दिल्ली सरकार ने मेट्रो और बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की घोषणा की थी. दिल्ली सरकार के इस घोषणा पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने एक बयान में कहा था कि ऐसा करना संभव नहीं है.