कश्मीरियों ने मोदी सरकार से पूछा कि कौन खुश है यहां

पांच अगस्त को राज्य का विभाजन कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने का फैसला किया गया था, जो गुरुवार को अस्तित्व में आ गये.

author-image
nitu pandey
New Update
कश्मीरियों ने मोदी सरकार से पूछा कि कौन खुश है यहां

कश्मीरियों ने मोदी सरकार से पूछा कि कौन खुश है यहां( Photo Credit : फाइल फोटो)

जम्मू कश्मीर पर लागू होने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और उसका राज्य का दर्जा समाप्त करके उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट देने के बाद घाटी में निराशा का माहौल है और अधिकतर लोगों का मानना है कि केंद्र का यह कदम उनकी पहचान पर हमला है. गत पांच अगस्त को राज्य का विभाजन कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने का फैसला किया गया था, जो गुरुवार को अस्तित्व में आ गये. इसके खिलाफ घाटी में आज पूर्ण बंद रहा. दुकानें एवं अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सरकारी वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद रहा.

Advertisment

कश्मीर में कई ऐसे लोग हैं जो केंद्र के इस निर्णय से नाराज हैं.लोगों का कहना है कि यह घाटी की जनता के हित के खिलाफ है. श्रीनगर के सिविल लाइन इलाके के निवासी मुजम्मिल मोहम्मद ने कहा, ‘यह निर्णय हमारे हित के खिलाफ है. उन्होंने हमारे विशेष दर्जे एवं हमारी पहचान पर डाका डाला है.'

मोहम्मद ने कहा कि केंद्र सरकार का यह दावा कि इस फैसले से यहां के लोग प्रसन्न हैं, ‘सरासर झूठ है.'

इसे भी पढ़ें:जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल 3 दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचीं, डॉ जितेंद्र सिंह ने किया स्वागत

उन्होंने पूछा कि कौन खुश है यहां. भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा आप यहां किसी को खुश एवं प्रसन्न देख रहे हैं. मोहम्मद ने कहा, ‘कश्मीर के लोग ऐसा नहीं चाहते हैं.  सरकार ने जो किया है उससे हम दुखी हैं और जो कुछ वे कह रहे हैं, वह एकदम झूठ है.'

बंद के कारण आंशिक रूप से कुछ घंटों के लिए दुकान खोलने वाले दुकानदार फिरदौस अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार का कदम कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है. फिरदौस ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने कश्मीर को अकल्पनीय अव्यवस्था की ओर धकेल दिया है.'

फिरदौस के अनुसार लोग पिछले तीन महीने से अपनी तरफ से बंद रख रहे हैं और यह अलगाववादियों की ओर से बुलाया गया बंद नहीं है . दुकानदार ने पूछा, ‘अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया होता, तो स्थिति ऐसी नहीं होती। इसके लिए किसे दोषी ठहराया जाए?'

और पढ़ें:महाराष्ट्र की राजनीति में आया नया मोड़, शिवसेना के संजय राउत NCP चीफ शरद पवार से मिले

कश्मीर चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा है कि पिछले तीन महीने के बंद के दौरान घाटी को दस हजार करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है.घरेलू महिला परवीना अख्तर समेत अन्य लोगों ने भी घाटी में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है.

Modi Government kashmiris Jammu and Kashmir
      
Advertisment