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'जहूर वटाली को कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तानी उच्चायोग से मिलता था पैसा'

कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सूत्रों ने कहा कि वटाली के पास पैसा दुबई, पाकिस्तान और भारत में मौजूद पाकिस्तानी आयोग के जरिए आता था।

Updated on: 18 Aug 2017, 07:46 PM

highlights

  • सूत्रों का दावा, जहूर अहमद वटाली को दुबई और पाकिस्तानी उच्चायोग से मिलता था पैसा
  • जहूर वटाली अलगाववादियों को पैसा उपलब्ध कराता था और 8-9 प्रतिशत कमीशन लेता था
  • अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के करीबी है जहूर अहमद वटाली

नई दिल्ली:

कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के मामले में पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो सकता है। कश्मीरी व्यवसायी जहूर अहमद वटाली की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सूत्रों ने कहा कि वटाली के पास पैसा दुबई, पाकिस्तान और भारत में मौजूद पाकिस्तानी उच्चायोग के जरिए आता था।

सूत्रों के मुताबिक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नईम गिलानी को भी पाकिस्तान और दुबई से पैसा मिलता था।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार एनआईए सूत्रों ने कहा, 'जहूर वटाली अलगाववादियों को पैसा उपलब्ध कराता था और 8-9 प्रतिशत कमीशन लेता था।'

सूत्रों के मुताबिक, 'NIA अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि टेरर फंडिंग मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।'

एनआईए ने 17 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद वित्तपोषण के आरोप में कश्मीर के नामी-गिरामी कारोबारी और वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के करीबी जहूर वटाली को गिरफ्तार किया था। वटाली को एनआईए ने श्रीनगर से गिरफ्तार किया।

जिसके बाद आज उसे एनआईए अदालत में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने वटाली को 10 दिनों की एनआईए हिरासत में भेज दिया है।

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जेंसी ने जुलाई में सात अलगाववादियों को पाकिस्तान के वित्त पोषण से घाटी में अशांति फैलाने के मामले में गिरफ्तार किया था। एनआईए ने कहा कि वटाली कश्मीर के राजनेताओं के अलावा पाकिस्तानी नेताओं और साथ ही अलगाववादियों से अपने संबंधों के लिए जाना जाता है।

सूत्रों ने कहा कि वटाली करीब दो महीने से एनआईए की जांच के घेरे में है और उसे गिरफ्तारी से पहले दिल्ली स्थित एजेंसी के मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।