'भावनात्‍मक रूप से कश्‍मीर हमारे साथ नहीं', अधीर रंजन चौधरी का विवादित बयान

अधीर रंजन चौधरी ने कहा- प्रधानमंत्री (PM Narendra MOdi) ने कल संसद में उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के खिलाफ बातें कीं और रात में उन पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (Public Safety Act-पीएसए) लगा दिया गया.

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Sunil Mishra
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'भावनात्‍मक रूप से कश्‍मीर हमारे साथ नहीं', अधीर रंजन चौधरी का विवादित बयान

'भावनात्‍मक रूप से कश्‍मीर हमारे साथ नहीं', अधीर रंजन चौधरी का बयान( Photo Credit : File Photo)

लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिससे कांग्रेस को जवाब देना भारी पड़ जाएगा. अधीर रंजन चौधरी ने कहा- प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने कल संसद में उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के खिलाफ बातें कीं और रात में उन पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (Public Safety Act-पीएसए) लगा दिया गया. आप इस तरह से कश्मीर (Kashmir) पर शासन नहीं कर सकते. कश्‍मीर भले ही भौतिक रूप से हमारे साथ है पर भावनात्‍मक रूप से नहीं.

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अधीर रंजन चौधरी से पहले कांग्रेस नेता और देश के पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा, 'उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य के खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA-पीएसए) की क्रूर कार्रवाई से हैरान हूं. आरोपों के बिना किसी पर कार्रवाई लोकतंत्र का सबसे घटिया कदम है. जब अन्यायपूर्ण कानून पारित किए जाते हैं या अन्यायपूर्ण कानून लागू किए जाते हैं, तो लोगों के पास शांति से विरोध करने के अलावा क्या विकल्प होता है?'

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कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि विरोध प्रदर्शन से अराजकता होगी और संसद-विधानसभाओं द्वारा पारित कानूनों का पालन करना होगा. वह इतिहास और महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला के प्रेरक उदाहरणों को भूल गए हैं. शांतिपूर्ण प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा के माध्यम से अन्यायपूर्ण कानूनों का विरोध किया जाना चाहिए. यह सत्याग्रह है.'

बता दें कि पब्लिक सेफ्टी एक्ट यानी सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम में बिना मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को दो साल तक की गिरफ्तारी या नज़रबंदी की अनुमति देता है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (PSA)के तहत मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले कई अन्य नेताओं पर भी पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है.

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पिछले साल 5 अगस्त 2019 से एहतियाती तौर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया है. गुरुवार यानी 6 फरवरी को इनपर जन सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. यानी इस कानून के तहत इन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है. इन्हें 3-6 महीने तक जेल में रखा जा सकता है.

Source : News Nation Bureau

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