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काशी में पर्यटन को बढ़ावा देगा आधुनिक खि​ड़किया घाट, देव दीपावली तक खत्म होगा पहले चरण का काम   

बनारस में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अस्सी घाट के बाद एक और घाट का संवारने की तैयारी चल रही है. यह है खि​ड़किया घाट। बताया जा रहा है कि देव दीपावली से पहले पुनर्विकास परियोजना के पहले चरण का काम पूरा हाने वाला है.

Updated on: 13 Oct 2021, 08:41 AM

highlights

  • खिड़किया घाट आने वाले समय में सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त जल विहार बनेगा.
  • इस घाट को संवारने के साथ गंगा में रूट प्लान लागू कर नाव और क्रूज का संचालन करा जाएगा.

नई दिल्ली:

बनारस में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अस्सी घाट के बाद एक और घाट का संवारने की तैयारी चल रही है. यह है खि​ड़किया घाट। बताया जा रहा है कि देव दीपावली से पहले पुनर्विकास परियोजना के पहले चरण का काम पूरा हाने वाला है. इस तरह से लोगों को घाट का नया ठिकाना मिलने वाला है. गंगा में नौकायन के लिए खिड़किया घाट को केंद्र बनाया जाएगा. इस घाट को संवारने के साथ गंगा में रूट प्लान लागू कर नाव और क्रूज का संचालन करा जाएगा. राजघाट के ठीक बगल में मौजूद खिड़किया घाट आने वाले समय में सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त जल विहार बनेगा. यहां तैयार प्रदेश के पहले फ्लोटिंग सीएनजी पंप के जरिए चलने वाली नावें, और क्रूज का संचालन होगा. इसके साथ यहां पर हैलीपैड की सुविधा भी दी जाएगी, जिससे पयर्टक हवाई मार्ग से भी यहां पर पहुंच सकेंगे. 

600 मीटर पक्काघाट 29 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा 

अस्सी से दशाश्वमेध घाट तक बढ़ रहे पर्यटकों के दबाव को कम करने को लेकर खिड़किया घाट के रूप में बेहतर विकल्प को तैयार करा गया है। इस घाट को सड़क और जलमार्ग से जोड़ने वाले केंद्र के रूप में विकसित करा जा रहा है। इसमें 29 करोड़ रुपये की लागत से 600 मीटर पक्केघाट का विकास किया जाएगा। सीएनजी नावों को लेकर फिलिंग स्टेशन, एंफीथिएटर, चिल्ड्रेन पार्क, जीटी रोड से लिंक रोड़ बन रही है।  

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घाट पर मिलेंगी कई तरह की सुविधाएं 

घाट पर पर्यटन सुविधा केंद्र, टिकट बूथ, कैफेटेरिया, पब्लिक प्रोमिनार्ड वॉल आर्ट व म्यूरल, सेल्फी पॉइंट, योग व मेडिटेशन केंद्र का निर्माण होगा। आईओएफ (इंडियन ऑयल फाउंडेशन)  ने सीएसआर के तहत करीब आधा दर्जन कार्य शुरू कर रहा है। 

मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल के अनुसार घाट को पक्का करने के साथ पर्यटक को सुविधाएं देने का कार्य नवंबर तक पूरा करने की संभावना है। इस दौरान नावों को सीएनजी में बदला जाएगा। देव दीपावली से पहले खिड़किया घाट प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित होगा। 

डीजल और पेट्रोल से चलने वाली नाव पर रोक

गंगा में डीजल और पेट्रोल से संचालित होने वाली नाव पर रोक लगाने से पहले नगर निगम से पंजीकृत बोट को सीएनजी आधारित करा जा रहा है। गंगा घाट पर बने पहले सीएनजी पंप से ईंधन की आपूर्ति होगी। गंगा में करीब दो हजार नावों का संचालन करा जाएगा। इसके साथ 918 नाव नगर निगम में पंजीकृत हैं। इसमें 166 नावों को सीएनजी पर चलने वाली बनाया जाएगा। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत पहले चरण में 1200 नावों को पंजीकृत कर नवंबर तक सीएनजी लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।  

दूसरे चरण का काम मार्च में होगा पूरा 

खिड़किया घाट में सीएनजी नौका संचालन के बाद दूसरे चरण में हेलीपैड निर्माण, पार्किंग, भैसासुर घाट से खिड़किया घाट तक लिंक रोड, फसाड डेवलपमेंट समेत आधा दर्जन कार्य  अगले वर्ष मार्च तक पूरे होंगे।