कार्ती चिदंबरम पर बरकरार रहेगा लुक आउट नोटिस, CBI ने SC में सबूत से छेड़छाड़ करने का लगाया आरोप

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कार्ति इस वर्ष मई, जून और जुलाई में विदेश दौरे पर गए थे।

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Deepak Kumar
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कार्ती चिदंबरम पर बरकरार रहेगा लुक आउट नोटिस, CBI ने SC में सबूत से छेड़छाड़ करने का लगाया आरोप

कार्ति चिदंबरम (पीटीआई)

सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर विदेश यात्रा के दौरान सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कार्ति इस वर्ष मई, जून और जुलाई में विदेश दौरे पर गए थे। इस दौरान सबूत से छेड़छाड़ किया गया।

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बुधवार को सीबीआई ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ से कहा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। पिछली बार भी अपनी विदेश यात्रा के दौरान उन्होंने ऐसा ही किया था। इसलिए इनपर लुक आउट नोटिस बरकरार रहना जरूरी है।

सीबीआई ने बेंच के सामने सुनवाई के दौरान तीन सीलबंद लिफाफे का हवाले देते हुए कहा कि इन सबूतों को देख कर आप हैरान रह जाएंगे।

सरकार और सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता ने कहा, 'इन सीलबंद लिफाफों में मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि इस साल हुई विदेश यात्राओं के दौरान मुलजिम कार्ति चिदंबरम ने अपने विदेशी बैंक खातों में से बड़ी बड़ी रकम का लेन देन किया है।'

उन्होंने कहा, 'कुछ खाते इन्होंने बंद भी किये हैं और कई बंद करने की तैयारी है, यानी सबूतों से छेड़छाड़ जारी है। ऐसे में इनके खिलाफ लुक आउट नोटिस बरकरार रहना जरूरी है।'

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बाद में मेहता ने पीठ के सामने बंद लिफाफे में कुछ दस्तावेज पेश करने की अनुमति मांगी। कार्ति की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इसका विरोध किया। उन्होंने बंद लिफाफे में कुछ दस्तावेज रिकार्ड पर पेश किए जाने पर सवाल उठाया। एएसजी ने इस संबंध में कानूनी प्रावधान का उल्लेख किया।

इस पर कोर्ट ने सीबीआई को कहा कि वो सीलबंद लिफाफे मद्रास हाईकोर्ट को सौंपे, क्योंकि मूल याचिका पर वहीं सुनवाई हो रही है। इसके बाद शीर्ष अदाल ने मामले की अगली सुनवाई नौ अक्टूबर तक टाल दी।

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क्या है मामला?

पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम के बेटे कार्ति चिंदबरम पर पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी के मुंबई के मीडिया समूह आइएनएक्स को नियमों को ताक पर रखकर विदेशी फंड मुहैया कराने का आरोप है।

दरअसल, कार्ती चिदंबरम पर 3.5 करोड़ रुपये एफआईपीबी मंजूरी के लिए लेने का आरोप है। आइएनएक्स पीटर और इंद्राणी मुखर्जी चलाते थे। पीटर व इंद्राणी शीना बोरा हत्या मामले में आरोपी हैं।

मामले की प्राथमिकी में पी चिदंबरम का नाम नहीं है, हालांकि यह कहा जाता है कि उन्होंने एफआईपीबी की 18 मई 2007 की बैठक में कंपनी में 4.62 करोड़ रुपये के विदेश प्रत्यक्ष निवेश के लिए एफआईपीबी मंजूरी दी थी।

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Source : News Nation Bureau

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