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कर्नाटक में जेडीएस नेता के आवास सहित कई ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा, सीएम ने कहा- बदले की कार्रवाई

सिंचाई विभाग और PWD विभाग के 17 ठेकेदारों और 7 अधिकारियों के बेंगलुरू, हासन, मांड्या और मैसूर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.

Updated on: 28 Mar 2019, 10:53 AM

बेंगलुरू:

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कर्नाटक में आयकर विभाग (IT) कई उद्योगपतियों, नेताओं और अधिकारियों पर कार्रवाई कर रही है. गुरुवार को राज्य के लघु सिंचाई मंत्री और जेडीएस नेता सीएस पुत्तराजू के आवास सहित कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. पुत्तराजू को मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का करीबी माना जाता है. साथ ही सिंचाई विभाग और PWD विभाग के 17 ठेकेदारों और 7 अधिकारियों के बेंगलुरू, हासन, मांड्या और मैसूर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.

एक अधिकारी ने बताया, 'कर चोरी, आय का स्रोत ना बताने तथा आयकर ना भरने के आरोपी कुछ उद्योगपतियों के बेंगलुरू तथा राज्य के अन्य स्थानों पर स्थित ठिकानों पर छापेमारी चल रही है.'

आयकर विभाग की छापेमारी पर कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असली सर्जिकल स्ट्राइक आईटी विभाग के छापेमारी के जरिये खुले में बाहर आया है. आयकर अधिकारी बालाकृष्ण के लिए संवैधानिक पद देना प्रधानमंत्री को उनके प्रतिशोध के खेल (रेवेंज गेम) में मदद किया है. चुनाव के समय में विपक्षियों को परेशान करने के लिए सरकारी मशीनरी, भ्रष्ट अधिकारियों का उपयोग करना बेहद निंदनीय है.'

मुख्यमंत्री ने गुरुवार की छापेमारी से पहले ही इसको लेकर अंदेशा जताया था. बुधवार रात को कुमारस्वामी ने ट्वीट किया था, 'माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव के वक्त कर्नाटक के जेडीएस और कांग्रेस के राजनेताओं को डराने के लिए आयकर विभाग का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने हमारे महत्वपूर्ण नेताओं पर आयकर छापेमारी करने की योजना बनाई है. यह और कुछ नहीं बल्कि बदले की राजनीति है. हम इससे नहीं झुकेंगे.'

इससे पहले आयकर विभाग ने बुधवार को भी एक प्रमुख कर डिफाल्टर को कथित रूप से 5.4 करोड़ रुपये का बकाया कर न चुकता करने के लिए गिरफ्तार किया था.

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कर्नाटक के मुख्य आयकर आयुक्त ने कहा था, 'दो बार विधानसभा चुनाव और एक बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके डिफाल्टर ने आयकर अधिनियम 1961 के तहत स्वीकृत समय के भीतर 5.4 करोड़ रुपये बकाया कर का चुकता नहीं किया है.'

आयकर विभाग ने हालांकि डिफाल्टर का न तो नाम बताया और न तो यही कि उसने विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव कब लड़ा था.