कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पीड़िता और आरोपी की शादी के बाद यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी है।
पीड़िता ने बालिग होने के बाद आरोपी से शादी की। मामला लंबित रहने के दौरान दंपति को एक बच्चा भी है।
न्यायमूर्ति के नटराजन की अध्यक्षता वाली पीठ ने मांड्या के एक निवासी द्वारा उसके खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत पॉक्सो और बलात्कार के आरोपों को रद्द करने की याचिका पर विचार करते हुए सोमवार को फैसला सुनाया। खंडपीठ ने कहा कि बच्चे और मां के हित को देखते हुए फैसला किया गया है।
पीठ ने टिप्पणी की कि पीड़िता अब वयस्क हो गई है और स्वतंत्र निर्णय लेने और जीवन साथी चुनने में सक्षम है। उसने आरोपी से शादी कर ली है और बिना शादी के उसका एक बेटा भी है। पीठ ने कहा कि वह आरोपी के खिलाफ मामला खत्म करने पर भी सहमत हो गई है।
अदालत ने कहा कि पीड़िता, बच्चे और उनके भविष्य के हितों को ध्यान में रखते हुए आरोपी के खिलाफ पॉक्सों मामले को रद्द करना उचित है।
पीड़िता के पिता ने 27 जनवरी 2021 को अरेकेरे थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि बच्ची जब अपनी नानी के यहां गई थी, तो लापता हो गई। बाद में वह आरोपी के पास मिल गई। पुलिस ने पॉक्सो और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
मामला मांड्या के द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में विचाराधीन था। आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
आरोपी का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील सी.एन.राजू ने अदालत को बताया कि आरोपी न्यायिक हिरासत में चला गया था और जमानत पर बाहर आने के बाद उसने 31 मई, 2021 को पीड़िता से शादी कर ली। दंपति शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं। पत्नी, जो पीड़ित भी है, को केस रद्द करने में कोई आपत्ति नहीं है।
लोक अभियोजक ने कहा कि पिता की यातना से परेशान होकर पीड़िता स्वेच्छा से आरोपी के साथ गई थी।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS