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कर्नाटक हाईकोर्ट ने महिला को पूजा करने के लिए अंतरिम मंजूरी दी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने महिला को पूजा करने के लिए अंतरिम मंजूरी दी

Updated on: 25 Dec 2021, 07:30 PM

बेंगलुरु:

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक के उडुपी जिले में एक महिला को उसके आवास पर पूजा करने के लिए अंतरिम मंजूरी दे दी है।

उडुपी की महिला एस्थेला लुइस ने अदालत में उसे जारी किए गए पुलिस नोटिस पर सवाल उठाया है।

उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक पुलिस द्वारा 26 अक्टूबर को नोटिस ने उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। उसने अदालत के समक्ष प्रार्थना की कि वह 11 साल से अपने आवास पर पूजा कर रही है। पुलिस ने अपने नोटिस में कहा कि वह पुलिस की सहमति और लाइसेंस के बिना सभा कर रही थी और यह कानून का उल्लंघन था। पुलिस ने उससे इस संबंध में दस्तावेज जमा करने को कहा था।

उनकी याचिका पर विचार करते हुए, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली पीठ ने एस्थेला लुइस को पूजा करने की अनुमति दी। साथ ही पड़ोसियों को परेशान ना करने की हिदायत भी दी। उसे इस शर्त का सम्मान करने के लिए भी कहा गया कि पुलिस कर्मी पूजा की ऑडियो और वीडियो रिकॉडिर्ंग करने के लिए स्वतंत्र हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि घर में कोई बड़ी सभा नहीं होनी चाहिए।

यह आदेश अगली सुनवाई तक लागू रहेगा। एस्थेला लुइस की याचिका में दावा किया गया है कि वह 11 साल से पूजा कर रही है।

शुक्रवार और रविवार को उडुपी जिले के कुंडापुर तालुक के देवलकांडा में उनके आवास पर पूजा-अर्चना की जाएगी। इस बीच, कुंडापुरा ग्रामीण थाना प्रभारी द्वारा एक पुलिस नोटिस जारी कर उनसे सेवा बैठकें आयोजित करने के संबंध में पूछताछ की गई। उसने अदालत के पुलिस नोटिस को चुनौती देते हुए दावा किया कि उसने उनके मूल मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया है।

याचिकाकर्ता ने अदालत को हलफनामा भी दिया है कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि कोई बड़ी सभा ना हो और कोविड के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और पड़ोसियों को परेशानी ना हो। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि वह धर्म परिवर्तन गतिविधियों के किसी भी आरोप के लिए जगह नहीं देगी।

सरकार के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता का निवास सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है और उसके आवास पर मण्डली से शांति और सद्भाव और कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए भी खतरा पैदा होने की संभावना है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.