सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक मे शनिवार को बहुमत परीक्षण का दिया आदेश, शाम 4 बजे होगा फ्लोर टेस्ट
न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, 'सदन को फैसला लेने दें, और सबसे अच्छा तरीका शक्ति परीक्षण होगा।'
नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय ने आज आदेश दिया कि कर्नाटक विधानसभा में कल शाम चार बजे बहुमत साबित किया जाए ताकि यह पता लगाया जा सके कि बीजेपी के नव नियुक्त मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के पास राज्य में विधायकों का पर्याप्त संख्याबल है या नहीं।
न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा , 'सदन को फैसला लेने दें , और सबसे अच्छा तरीका शक्ति परीक्षण होगा।'
न्यायाधीश ए के सीकरी, न्यायाधीश एस ए बोबड़े और न्यायाधीश अशोक भूषण की पीठ ने शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने का आदेश देते हुए कहा कि विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य, अस्थाई स्पीकर नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे और फिर बहुमत परीक्षण कराएंगे।
न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा दायर येदियुरप्पा की उस याचिका को भी खारजि कर दिया, जिसमें उन्होंने बहुमत परीक्षण के लिए एक सप्ताह का समय देने की मांग की थी।
न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के उस सुझाव को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बहुमत परीक्षण गुप्त मतपत्र के जरिए कराने की बात कही थी।
न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी पीठ का हिस्सा थे।
मुख्यमंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सोमवार तक का वक्त मांगा था लेकिन पीठ ने शक्ति परीक्षण कल करने का आदेश दिया।
अभिषेक मनु सिंघवी ने फैसले पर कहा, 'आज उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक आंतरिक आदेश दिया है।इसके तहत तुरंत बहुमत परीक्षण होगा जो कि कल 4 बजे होगा और एक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण येदियुरप्पा जी के वकील ने माना कि कल तक येदियुरप्पा जी कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेंगे।'
Supreme Court also said that oath should be administered to all MLAs before the floor test tomorrow and BS Yeddyurappa cannot take any policy decisions until tomorrow: Abhishek Manu Singhvi, Congress pic.twitter.com/qcUUQNruYp
— ANI (@ANI) May 18, 2018
सिंघवी ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि 'हमने महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दा उठाया था कि क्या राज्यपाल जी ऐसी पार्टी को न्योता दे सकते हैं जिनकी गणित सिर्फ 104 की है जबकि हमारे पक्ष में 117 विधायक हैं। इस केस पर सुनने के लिए 10 हफ्ते बाद की तारीख लगाई है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया कि किसी अतिरिक्त नए विधायक को एंग्लो इंडियन समुदाय के आधार पर मनोनीत नहीं किया जा सकता है।'
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 104 सीटें जीती है, लेकिन वह बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटों में से आठ सीट दूर हैं, जबकि कांग्रेस ने 78 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती हैं।
और पढ़ें- कर्नाटक मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसने क्या कहा?
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