कांग्रेस ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक केजी बोपैया की नियुक्ति का विरोध किया है और कहा कि पार्टी राज्यपाल वजुभाई वाला के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने के लिए कांग्रेस के तरफ से वकीलों की टीम सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। इस टीम में वरिष्ट वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल भी शामिल हैं।
पार्टी ने दावा किया कि बोपैया की नियुक्ति 'बीएस येदियुरप्पा की अल्पमत की सरकार के लिए बहुमत का निर्माण करने के उद्देश्य से की गई है'। बोपैया सबसे ज्यादा अनुभवी विधायक नहीं हैं। वह तीन बार विधायक चुने गए।
Lawyers representing Congress side reach the Registrar Office of Supreme Court, seeking an urgent hearing on the appointment of KG Bopaiah as pro-tem speaker of Karnataka assembly. pic.twitter.com/YR55gYQqnD
— ANI (@ANI) May 18, 2018
वर्ष 2008-13 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे, और उस दौरान भ्रष्टाचार में फंसे येदियुरप्पा को बचाने का उन्होंने प्रयास किया था। सबसे ज्यादा अनुभवी विधायक कांग्रेस के आरवी देशपांडे हैं, लेकिन उनकी उपेक्षा कर बीजेपी ने अपना जुगाड़ कर लिया है। कांग्रेस इस जुगाड़ को चुनौती देगी।
Congress-JDS writ petition challenging the appointment of MLA KG Bopaiah as pro-tem Speaker has been filed in Supreme Court. The petition claims that the appointment of pro-tem speaker was completely unconstitutional: Devdutt Kamat, lawyer for the Congress
— ANI (@ANI) May 18, 2018
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय वापस जाने का रास्ता खुला हुआ है। हम इस मामले को सकारात्मक तरीके से अदालत के समक्ष रखेंगे।'
उन्होंने कहा कि बोपैया की नियुक्ति 'संविधान के साथ तीसरा एनकाउंटर है'। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर यह संविधान के साथ तीसरा एनकाउंटर है।'
उन्होंने साथ ही कहा कि मोदी, शाह और वाला की तिकड़ी को येद्दि, रेड्डी गैंग की मदद करने के लिए लोकतंत्र की पराजित होने नहीं दिया जाएगा।
सुरजेवाला ने कहा, 'उन्होंने(बोपैया) ने संवैधानिक नियमों की धज्जियां उड़ायी हैं। सच्चाई यह है कि प्रोटेम स्पीकर के तौर पर बोपैया की नियुक्ति स्थापित सभी संवैधानिक परंपराओं और स्थापित सभी संसदीय अभ्यासों का उल्लंघन करने के लिए की गई है।'
राज्यपाल पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, 'वाला दिन-दहाड़े लोकतंत्र की हत्या नहीं कर सकेत और न ही संविधान को कुचल सकते हैं।' सुरजेवाला ने कहा, 'वे फर्जीवाड़ा करके बहुमत साबित करना चाहते हैं।'
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Source : News Nation Bureau