हेट स्पीच पर ये खास कदम उठाएगी कर्नाटक की भाजपा सरकार
देश में लगातार बढ़ रही हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का असर अब साफ-साफ दिखने लगा है. कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा है कि हेट स्पीच पर लगाम लगाने के लिए सरकार जल्द ही नियंत्रित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन करेगी.
highlights
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक सरकार ने किया ऐलान
- हेट स्पीच को नियंत्रित करने के लिए बनाई जाएगी विशेष समिति
- सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों पर हर हाल में अमल करने का ऐलान
नई दिल्ली:
देश में लगातार बढ़ रही हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का असर अब साफ-साफ दिखने लगा है. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि हेट स्पीच पर लगाम लगाने के लिए सरकार जल्द ही नफरत फैलाने वाले भाषणों को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन करेगी. मीडिया से बात करते हुए कहा कि इन दिनों देश में अभद्र भाषा का बोलबाला हो चुका है. इसलिए इसे नियंत्रित करना अब बहुत जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर हमारी सरकार जल्द ही नफरत फैलाने वाले भाषणों को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन करेगी.
उन्होंने कहा कि अभद्र भाषा का इस्तेमाल इस वक्त पूरे देश में चरम पर है. खासकर सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है. हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर एक कमेटी बनाएंगे और उनके सुझाव के आधार पर दिशा-निर्देश बनाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा हम हर हाल में सुप्रीम कोर्ट ( SC) के निर्देशों का पालन करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई थी शख्ती
गौरतलब है कि देश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं के बीच देश की सबसे बड़ी अदालत ने हेट स्पीच पर सख्त रुख इख्तियार कर लिया है. देशभर में कथित धर्म संसद में मुस्लिम विरोधी भाषणों और बयानों पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से हलफनामा देकर अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर देश की सर्वोच्च अदालत की ओर से तय दिशानिर्देशों के तहत कार्रवाई नहीं हुई तो इसके लिए आला अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, हाल ही में हिमाचल में हुई धर्म संसद के दौरान हेट स्पीच के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को हलफनामा देने को कहा था. कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव से पूछा था कि वे बताएं कि कार्यक्रम में कुछ गलत होने से रोकने के लिए क्या कदम कदम उठाए गए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर भड़काऊ भाषण पर लगाम नहीं लगी तो इसके लिए उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार हलफनामा देकर ये बताएं कि सरकार की तरफ से कोई कदम उठाया गया है या नहीं. इसके साथ ही कोर्ट ने पूछा है कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए राज्य सरकार ने क्या कार्रवाई की है. इसके जवाब में हिमाचल प्रदेश के वकील ने कहा कि हमारी तरफ से नोटिस जारी किया गया था और अब ऊना में धर्म संसद खत्म हो चुकी है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हलफनामा देकर हर एक पहलू का उल्लेख करें कि अब तक क्या कदम उठाए गए हैं.
उत्तराखंड सरकार से भी मांगा स्टेटस रिपोर्ट
इस मौके पर कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से भी स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था. इस पर उत्तराखंड सरकार ने कहा था कि हमने एफआईआर दर्ज करने समेत सभी कदम अदालत के फैसले के मुताबिक उठाए हैं. इससे नाराज होकर कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के वकील से कहा था कि आप इस तरह से तर्क नहीं दे सकते. आप संविधान से बंधे हुए हैं. इस पर उत्तराखंड सरकार के वकील ने कहा कि हमें दो मिनट पक्ष रखने का मौका दिया जाए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको आगे की तारीख दी गई है. स्थिति रिपोर्ट पर विचार करेंगे.
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