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कर्नाटक का सियासी संकट हास्य नाटक में तब्दील, गणित में बीजेपी पड़ रही भारी

सोमवार को एक और निर्दलीय विधायक नागेश ने मंत्रीपद से इस्तीफा देकर बीजेपी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार का हिस्सा बनने की मंशा जाहिर कर दी है. इसके बाद बन रही गणित में तो फिलहाल बीजेपी का पलड़ा भारी दिख रहा है.

Updated on: 08 Jul 2019, 12:41 PM

highlights

  • इस्तीफों के बाद कर्नाटक विधानसभा सदस्यों की संख्या 224 से घटकर 210 पहुंची.
  • इस आधार पर बहुमत के लिए चाहिए 106 विधायक.
  • बीजेपी के पास हैं 105 औऱ निर्दलीय समर्थन को तैयार.

नई दिल्ली.:

कर्नाटक का नाटक किसी हास्य धारावाहिक की शक्ल लेता जा रहा है. 13 माह पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. अब तक 13 विधायक इस्तीफा देकर राज्य को गंभीर राजनीतिक संकट की ओर धकेल चुके हैं. सोमवार को एक और निर्दलीय विधायक नागेश ने मंत्रीपद से इस्तीफा देकर बीजेपी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार का हिस्सा बनने की मंशा जाहिर कर दी है. इसके बाद बन रही गणित में तो फिलहाल बीजेपी का पलड़ा भारी दिख रहा है. इस बीच बीजेपी के दक्षिण भारत के प्रभारी मुरलीधर राव बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए हैं.

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कांग्रेस ने बीजपी के राष्ट्रीय नेतृत्व पर विघटन का दोष मढ़ा
पल-पल बदल रहे घटनाक्रम के बीच निर्दलीय विधायक नागेश के इस्तीफे पर कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने बीजेपी को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा, 'इसके पीछे बीजेपी के राष्ट्रीय नेता हैं. बीजेपी के लोग यह सरकार नहीं चाहते, न ही वह चाहते कि कोई भी विपक्षी पार्टी राज्य या देश में शासन करे. वे लोग लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं.' सियासी संकट के बीच सिद्धारमैया ने मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग बुलाई है. सिद्धारमैया ने यहां तक कहा कि इस मीटिंग में गैरहाजिर रहने वाले विधायक कार्रवाई झेलने के लिए तैयार रहें.

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गणित बीजेपी के पक्ष में
अब अगर कर्नाटक में गणित की बात करें तो कांग्रेस के मदद से मई 2018 में जनता दल सेक्युलर के सीएम पद की कमान संभालने के बाद एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिरने की कगार पर है. कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सदस्य होते हैं और इनमें एक मनोनीत होता है. 13 विधायकों के इस्तीफों के बाद विधानसभा सदस्यों की संख्या 224 से घटकर 211 रह जाएगी. इनमें एक सीट स्पीकर की है. यानी अगर इन सभी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होते हैं तो बहुमत का हिसाब 210 सीटों पर लगाया जाएगा. ऐसे में किसी भी पार्टी को सरकार में रहने के लिए 106 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. बीजेपी के 105 विधायक हैं और निर्दलीय के समर्थन से वह 106 का आंकड़ा छू रही है.