कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने लिंगायत के मुद्दे पर सिद्धारमैया पर किया प्रहार
कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एस शिवशंकरप्पा ने रविवार को कहा कि वीरशैव और लिंगायत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.
नई दिल्ली:
कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एस शिवशंकरप्पा ने रविवार को कहा कि वीरशैव और लिंगायत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और उन्होंने अपनी पार्टी के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर प्रहार किया एवं उन पर अतीत में इस समुदाय को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया. वह सिद्धरमैया द्वारा शनिवार को दिये गये इस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि ‘बसव धर्म’ एक स्वतंत्र धर्म है जो न तो हिंदुत्व के अंदर और न उसके बाहर है.
यह भी पढ़ेंः डॉ कर्ण सिंह का मोदी सरकार को सलाह, धारा 35A और 370 पर सावधानी बरते नहीं तो...
ऑल इंडिया वीरशैव महासभा के अध्यक्ष शिवशंकरप्पा ने कहा, हम उन मुद्दों पर चर्चा न करें, हम शुरू से कहते आ रहे हैं कि वीरशैव और लिंगायत एक ही है और एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, हम उसी का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हम उसे तोड़ने का प्रयास न करें, हम सभी एकजुट हैं.
सिद्धरमैया के एक बयान के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, क्या सिद्धरमैया लिंगायत हैं? उन्होंने अपनी राय दी है, मैं क्या कर सकता हूं? उन्होंने उसे बांटने का प्रयास किया लेकिन जब नहीं बांट सके तो वह एक तरफ हो गये. वीरशैव-लिंगायत समुदाय की श्रद्धा बसवराज द्वारा 12 वीं सदी में शुरू किये गये समाज सुधार आंदोलन के प्रति है और कर्नाटक में उसकी अच्छी खासी संख्या है. यह समुदाय भाजपा के साथ हो गया है.
यह भी पढ़ेंः 'बिग बॉस 13' को लेकर सामने आई बड़ी खबर, ये एक्ट्रेस बनेंगी शो का हिस्सा
यह समुदाय 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले दो हिस्सों में बंट गया। सिद्धरमैया की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लिंगायत धर्मावलंबियों को ‘धार्मिक अल्पसंख्यक’ का दर्जा देने के लिए कदम उठाया था.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी