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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया (फाइल फोटो)
कर्नाटक सरकार अाज सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटिशन दायर करेगी। सरकार कोर्ट से अनुरोध करेगी कि कर्नाटक को 6000 क्यूसिक पानी तमिलनाडु को 27 सित्मबर तक देने के फैसले पर कोर्ट फिर से विचार करे।
कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि कर्नाटक विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है।पारित प्रस्ताव में कहा गया कि तमिलनाडु को कावेरी जल रिहाई को लेकर दिए गए फैसले को संशोधित किया जाए।
Letter to the Hon'ble Prime Minister Of India @PMOIndiapic.twitter.com/kHcST3Lb4b
— CM of Karnataka (@CMofKarnataka) September 24, 2016
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अपने खत में कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं पर कर्नाटक के चारों जल स्रोतों में केवल 27.6 टीएमसीएफटी पानी है, जबकि रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए मई 2017 तक 24.11 टीएमसीएफटी पानी की जरूरत पड़ेगी। हमें अपने पशु पक्षियों के लिए भी पानी चाहिए। अगर हम तमिलनाडु को पानी देते हैं तो क्या यह वापस मिलेगा?
प्रस्ताव में कर्नाटक कृष्णा राज सागर, हेमवती, हरांगी और काबिनी के गिरते जल स्तर पर भी चिंता जताई जा गई है। इन चारो नदियों का जल स्तर बेहद कम 27.6 टीएमसीएपफटी तक ही रह गया है।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं पर हमारे चारों जल स्रोतों में केवल 27.6 टीएमसीएफटी पानी है, जबकि रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए मई 2017 तक 24.11 टीएमसीएफटी पानी की जरूरत पड़ेगी। हमें अपने पशु पक्षियों के लिए भी पानी चाहिए। अगर हम तमिलनाडु को पानी देते हैं तो क्या यह वापस मिलेगा?
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को 6000 क्यूसिक पानी तमिलनाडु को 27 सित्मबर तक देने को कहा था।