कर्नाटक का सीएम बनते ही 6 के फेर में फंसे येदियुरप्पा, आसान नहीं राह
शाम 6 बजे सीएम पद की शपथ लेते ही वह 6 के फेर में फंस गए हैं. उन्हें 31 जुलाई तक बहुमत साबित करना है और इसके लिए उन्हें 6 विधायकों की दरकार है.
highlights
- अगर बागी विधायकों का इस्तीफे पर निर्णय नहीं हुआ तो योदियुरप्पा को चाहिए होंगे 6 विधायक.
- बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकारने की स्थिति में ही राह बनेगी आसान.
- हालांकि बीजेपी ने फिलहाल सारे पत्ते नहीं हैं खोले.
नई दिल्ली.:
भले ही बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली हो, लेकिन शाम 6 बजे सीएम पद की शपथ लेते ही वह 6 के फेर में फंस गए हैं. उन्हें 31 जुलाई तक बहुमत साबित करना है और इसके लिए उन्हें 6 विधायकों की दरकार है. अगर स्पीकर ने सभी बागियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए तभी येदियुरप्पा 6 के फेर से बच सकेंगे. अन्यथा यह फेर उन्हें फिर से मुसीबत में डाल सकता है. हालांकि भाग्य को अपने साथ रखने के लिए येदियुरप्पा ने टोटके स्वरूप अपने नाम की स्पेलिंग बदली है.
यह भी पढ़ेंः सर्वदलीय बैठक का फैसला, सपा सांसद आजम खान माफी मांगे नहीं तो होगी कार्रवाई
बीजेपी के पास 106 विधायक
गौरतलब है कि स्पीकर रमेश कुमार ने दल-बदल विरोधी कानून के तहत गुरुवार को 3 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. हालांकि 14 बागी विधायकों के त्यागपत्र पर स्पीकर ने अभी कोई निर्णय नहीं किया है. ऐसी स्थिति में कर्नाटक विधानसभा की सदस्य क्षमता 222 ही बनी हुई है. इसके तहत बहुमत के लिए येदियुरप्पा को 112 विधायकों का संख्याबल दिखाना होगा, जबकि बीजेपी के पास फिलहाल 106 विधायक ही है.
यह भी पढ़ेंः जेपी नड्डा ने मोदी सरकार के 50 दिन का रखा रिपोर्ट कार्ड, बोले- इन दिनों में कई अहम फैसले हुए हैं
बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने पर ही बनेगी बात
इस लिहाज से देखें तो शाम 6 बजे सीएम पद की शपथ लेते ही बीएस येदियुरप्पा इन 6 अतिरिक्त विधायकों के फेर में फंस गए हैं. उन्हें इसके लिए परोक्ष स्तर पर स्पीकर की मदद की ही दरकार रहेगी. यानी पल-पल बदलते घटनाक्रम के तहत यदि स्पीकर बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लेते हैं, तो सदन में विधायकों की संख्या घटकर 208 रह जाएगी. ऐसा होने पर येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए महज 105 विधायकों की दरकार होगी. यह संख्याबल उनके पास पहले से मौजूद है.
यह भी पढ़ेंः 'मैं भी चौकीदार' के बाद मोदी सरकार ला रही है अब ये कैंपेन, जुड़ेंगे IIT खड़गपुर और गांधीनगर
पिछली बार दो दिन रहे सीएम
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्राप्त परिणामों के आधार पर पिछले साल मई में 104 विधायकों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ ली थी, लेकिन बहुमत सिद्ध न कर पाने पर उन्हें दो दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद 78 सीटों वाली कांग्रेस और 37 सीटें जीतने वाली जेडीएस ने गठबंधन कर राज्य में सरकार का गठन किया था. इस साझेदारी के तहत जेडीएस विधायक दल के नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे. यह अलग बात है कि कर्नाटक का नाटक भी तभी से शुरू हुआ था.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें