डीसी के साथ अनिर्णायक बैठक के बाद करनाल सचिवालय का घेराव करने निकले किसान (लीड-1)

डीसी के साथ अनिर्णायक बैठक के बाद करनाल सचिवालय का घेराव करने निकले किसान (लीड-1)

डीसी के साथ अनिर्णायक बैठक के बाद करनाल सचिवालय का घेराव करने निकले किसान (लीड-1)

author-image
IANS
New Update
Karnal Mahapanchayat

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

सरकारी अधिकारियों द्वारा उनकी सभी मांगों को ठुकराने के बाद महापंचायत स्थल पर लौटे किसान नेताओं ने प्रदर्शन के लिए करनाल लघु सचिवालय की ओर मार्च किया है।

Advertisment

हजारों किसान लघु सचिवालय का घेराव करने के लिए अनाज मंडी से निकल चुके हैं।

राजनीतिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव और भारतीय किसान संघ (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने मीडिया को बताया कि करनाल के उपायुक्त (डीसी) के साथ उनकी बैठक अनिर्णायक रूप से समाप्त हो गई और अधिकारियों ने आईएएस अधिकारी को निलंबित करने या यहां तक कि 28 अगस्त को तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ लाठीचार्ज का आदेश देने वाले के खिलाफ जांच करने के लिए सहमति नहीं दी।

राजनीतिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने मीडिया को बताया, डीसी और एसपी के साथ हमारी बातचीत तीन दौर में हुई है। इसमें 15 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। हम सभी ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी, जिन्होंने 28 अगस्त को लाठीचार्ज का आदेश दिया था। हमने कोई मुआवजा नहीं मांगा। लेकिन, अधिकारी इस पर भी राजी नहीं हुए।

किसान नेताओं ने दोहराया है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।

इससे पहले किसान महापंचायत के 11 सदस्यीय किसान प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार सुबह लघु सचिवालय में करनाल के उपायुक्त को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में किसानों ने 28 अगस्त को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश देने वाले आईएएस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग दोहराई।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राजनीतिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव, किसान नेता राकेश टिकैत, करनाल स्थित भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी, भाकियू अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल, भाकियू (सिद्धूपुर) के प्रदेश अध्यक्ष सदस्य जगजीत सिंह दल्लेवाल जैसे नेताओं ने किया।

सितंबर 2020 में संसद में केंद्र द्वारा पारित तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसान राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर हुए बड़े हंगामे के बाद, जिसमें आंदोलनकारी दिल्ली में प्रवेश कर गए थे, जिससे कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई थी, अब पिछले महीने 28 अगस्त को भी ऐसी दूसरी अप्रिय घटना देखने को मिली, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की जान चली गई।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
Advertisment