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कपिल सिब्बल बोले- अब कोई बहाना नहीं चलेगा, आप 6 साल से सत्ता में हैं 

राज्यसभा में बजट-2021 पर बहस की शुरुआत करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने सरकार से कहा कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा क्योंकि आप 6 सालों से सत्ता में हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश की संपत्ति चार-पांच लोगों को सौंप रही है.

Updated on: 10 Feb 2021, 04:12 PM

नई दिल्ली:

राज्यसभा में बजट-2021 पर बहस की शुरुआत करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने सरकार से कहा कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा क्योंकि आप 6 सालों से सत्ता में हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश की संपत्ति चार-पांच लोगों को सौंप रही है. सिब्बल ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि क्रोनी कैपिटलिज्म का क्लासिक मामला है ये, एक बड़े उद्योगपति का हर जगह पदचिह्न् है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति कर रही है क्योंकि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मार्च 2022 तक 8,500 किलोमीटर के राजमार्गों के प्रस्तावित निर्माण की घोषणा की है जो तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल में है जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. साथ ही असम को भी प्रस्तावित नई राजमार्ग परियोजनाओं का हिस्सा बना लिया है.

कपिल सिब्बल ने कहा कि असम में सीतारमण ने 1,300 किलोमीटर राजमार्गों के निर्माण का प्रस्ताव रखा है जो अगले तीन वर्षों में बनाए जाएंगे. असम में भी चुनाव होने वाले हैं. कांग्रेस नेता ने आत्मनिर्भरभारत की आलोचना की और पूछा, क्या एससी, एसटी अल्पसंख्यक, एमएसएमई और छोटे उद्योग आत्मनिर्भर हो गए हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि 86 प्रतिशत किसान छोटे किसान हैं, क्या वे आत्मनिर्भर हैं जो दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं?

सिब्बल ने सरकार पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन का आरोप लगाया और कहा कि मौजूदा साल के विनिवेश का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ, केवल 15 प्रतिशत ही हासिल किया गया. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार आईडीबीआई बैंक के अलावा दो और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करेगी. उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में एक बीमा कंपनी का भी निजीकरण कर दिया जाएगा. चालू वित्त वर्ष के लिए विनिवेश लक्ष्य 2.10 लाख करोड़ रुपये है, जबकि विनिवेश के जरिए इकट्ठा किया गया राजस्व केवल 19,499 करोड़ रुपये है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि महामारी में नौकरी चले जाने पर कोई अंकुश नहीं है. कोविड-19 महामारी के बाद लगाए गए लॉकडाउन के चलते 12 करोड़ नौकरियां चली गईं लेकिन मनरेगा के लिए आवंटन कम कर दिया गया. 8.55 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ तले दबे दूरसंचार क्षेत्र को कोई राहत नहीं है. उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के फंड में 10,000 करोड़ रुपये की कटौती की गई है.