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कंगना केस में BMC को हाईकोर्ट की फटकार, पूछा- पहले की लिस्ट पर क्यों नहीं तोड़े निर्माण?

कंगना रनौत (Kangana ranaut) मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी (BMC) को फटकार लगाते हुए पूछा है कि उसने पहले की लिस्ट पर इस तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की.

Updated on: 28 Sep 2020, 12:22 PM

मुंबई:

कंगना रनौत (Kangana ranaut) मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी (BMC) को फटकार लगाते हुए पूछा है कि उसने पहले की लिस्ट पर इस तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की. कंगना ने अपने ऑफिस पर बीएमसी की तोड़फोड़ के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में केस दाखिल कर 2 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है. वहीं संजय राउत (Sanjay raut) बॉम्बे हाई कोर्ट में आज अपना हलफनामा दाखिल कर सकते हैं.  इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर संजय राउत को इस केस में मुख्य आरोपी बनाया गया है. कंगना और संजय राउत के बीच ट्विटर वॉर के बाद ही कंगना के ऑफिस के कुछ हिस्सों को ध्वस्त किया गया था. 

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कंगना केस में सुनवाई शुरू होते ही हाईकोर्ट ने बीएमसी को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने पूछा कि आपने अब तक पहले की लिस्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं की. बीएमसी को कोर्ट को बताना होगा कि उन्होंने जितनी तेजी से कंगना के दफ्तर पर कथित अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की, क्या बाकी मामलों में भी उतनी तेजी से ही कार्रवाई करती है. इस मामले में पिछली सुनवाई में कोर्ट में कंगना के वकील ने संजय राउत के नाम का भी जिक्र किया था. कंगना के वकील ने दलील देते हुए कहा था कि क्योंकि कंगना ने सत्ता में बैठे हुए लोगों को लेकर कुछ ऐसी बातें कही थी जो उनको नागवार गुजरी इस वजह से कंगना के दफ्तर की ये हालत हुई, जबकि कंगना के दफ्तर पर किसी भी तरह का अवैध निर्माण नहीं चल रहा था.

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कोर्ट इस मामले में बीएमसी पर लगातार सख्त टिप्पणी कर रही है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यह भी कहा कि जितनी जल्दी बीएमसी ने कंगना के ऑफिस को तोड़ने में की अगर उसनी अन्य मामलों में की होती तो हादसे न होते. इस मामले में बीएमसी और संजय राउत अपना जवाह दाखिल करेंगे.