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Exclusive: BMC ने तोड़ा सुप्रीम कोर्ट का ये बड़ा नियम, जानें क्या बोले कंगना के वकील रिजवान

कंगना रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा कि कोर्ट के जज इस पूरे मामले को अच्छे से ऑब्जर्व कर रहे हैं.

Updated on: 10 Sep 2020, 11:48 PM

नई दिल्ली:

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत (kangana Ranaut) के ऑफि‍स में तोड़फोड़ को लेकर सुनवाई में 22 सितंबर की तारीख दी है. इस सुनवाई में बीएमसी के वकील ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद बीएमसी का काम रुक गया, लेकिन ध्यान दिया जाना चाहिए कि इसमें बदलाव न हो. इसके बाद कंगना रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कोर्ट में कहा कि कई सारे तथ्यों को ऑन रिकॉर्ड लाने की आवश्यकता है. फाइल तैयार करने के लिए मुझे समय चाहिए, क्योंकि मेरी क्लाइंट अभी मुंबई आई हैं.

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इस पूरे मामले पर कंगना रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने न्यूज नेशन के साथ खास बातचीत की और जरूरी बातें बताईं. रिजवान सिद्दीकी के पास मामले को लेकर कई तथ्य हैं, जो वे कोर्ट में बताने वाले हैं लेकिन उन्होंने मामले के तथ्यों को मीडिया के सामने बताने से सीधा इंकार कर दिया. रिजवान ने बताया कि उनकी क्लाइंट कंगना के ऑफिस में तोड़फोड़ तो लेकर बीएमसी अगले शुक्रवार को अपना जवाब फाइल कराएगी.

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कंगना के वकील ने कहा कि मामले की सुनवाई को लेकर अभी कोई समय तय नहीं है. उन्होंने कहा कि सुनवाई का समय बीएमसी के जवाब पर निर्भर है. यदि बीएमसी समय पर अपना जवाब फाइल कर देती है तो अगले शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई हो सकती है.

कंगना के ऑफिस में बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ पर कोर्ट के जज ने भी अभिनेत्री के प्रति सहानुभूति दिखाई थी. न्यूज नेशन ने रिजवान से जब जज की आज की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वे जज के प्रवक्ता नहीं हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि जज को भी इस मामले के बारे में मालूम है और वे इसे अच्छे से ऑब्सर्व भी कर रहे हैं.

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रिजवान सिद्दीकी ने कहा कि अवैध निर्माण को लेकर की जाने वाली कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के डिवीजनल बेंच का जजमेंट हैं कि नगर निगम 24 घंटे का नोटिस देकर किसी तरह की तोड़फोड़ नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि बीएमसी ने कंगना को जो नोटिस भेजा था उसमें निर्माण कार्य को रोकने की बात कही गई थी जबकि वहां किसी भी तरह का कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा था. यही सब वो बड़े मुद्दे हैं जिनपर कंगना कोर्ट में बीएमसी को घेर सकती हैं.