मप्र : छिंदवाड़ा का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला एसआईटी को

मप्र : छिंदवाड़ा का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला एसआईटी को

मप्र : छिंदवाड़ा का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला एसआईटी को

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IANS
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Kamal Patel

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जिंदा लोगों को मृत बताकर मुआवजे की राशि हड़पने के मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी गई है।

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ज्ञात हो कि छिंदवाड़ा जिले की बोहनाखेरी ग्राम पंचायत में 29 जिंदा लोगों का फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाकर मुआवजा की रािश हड़प ली गई थी। इस मामले के खुलासे के बाद पंचायत सचिव राकेश चंदेल केा निलंबित किए जाने के साथ ही उसके खिलाफ थाने में भी मामला दर्ज किया गया था। अब जिले के प्रभारी मंत्री और राज्य सरकार के किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल के निर्देश पर मामले की जांच के लिये 13 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया गया है। यह एसआईटी प्रीतम सिंह के नेतृत्व में गठित की गई है।

छिंदवाड़ा के बोहनाखैरी गांव में 29 लोगों को सरकारी कागजों में मौत दे दी गई थी और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर उनके नाम से कोरोना गाइड लाइन के तहत दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि भी शासन से जारी करा ली गई।

प्रारंभिक तौर पर हुई जांच की रिपोर्ट के आधार पर बोहनाखैरी के पंचायत सचिव राकेश चंदेल को निलंबित कर दिया गया था और चैरई थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने जैसे प्रकरण में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद प्रभारी मंत्री पटेल ने पूरे जिले में मृत्यु प्रमाण-पत्र एवं अन्य योजनाओं में जारी किये गये सभी प्रमाण-पत्रों की समीक्षा करने के निर्देश कलेक्टर को दिए थे।

सूत्रों का कहना है कि जिले के अन्य हिस्सों में भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने के मामले सामने आने की आशंका बनी हुई है, यही कारण है कि इस मसले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस जांच से आगामी समय में कई और मामलों का भी खुलासा हो सकता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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