कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ हैसियत लगातार बढ़ रही है, यही कारण है कि महाराष्ट्र सरकार पर गहराए सियासी संकट के बीच उन्हें संकटमोचक बनाकर वहां भेजा गया है।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में गठबंधन वाली सरकार है और शिवसेना के विधायकों ने बगावत कर दी है। इन स्थितियों में कांग्रेस के विधायकों के भी टूटने की आशंका बढ़ने लगी। इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी हाईकमान ने कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाकर महाराष्ट्र भेजा है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि, कमलनाथ वरिष्ठ नेता तो है ही साथ ही में उनके कांग्रेस के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं से करीबी संपर्क और संबंध है। इतना ही नहीं कमलनाथ राष्ट्रीय राजनीति में बेहतर समन्वयकर्ता भी माने गए हैं। यही कारण है कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें विपरीत हालात से निपटने के लिए महाराष्ट्र भेजा है।
कमलनाथ महाराष्ट्र पहुंच चुके हैं और बैठकें कर रहे हैं। कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के ट्विटर हैंडल पर कमलनाथ के हवाले से लिखा गया है, हमारे 44 में से 41 विधायक बैठक में मौजूद थे और तीन रास्ते में है, क्योंकि मुझे एक मीटिंग में शरद पवार के यहां जाना है इसलिए मैं जा रहा हूं।
वहीं दूसरी ओर राजनीतिक गलियारे में कमलनाथ को महाराष्ट्र में आए सियासी भूचाल को निपटाने की सौंपी गई जिम्मेदारी पर लोग चुटकी भी ले रहे हैं और यहां तक कहा जा रहा है कि कमलनाथ मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बचा नहीं पाए, तो फिर महाराष्ट्र में भी क्या करेंगे।
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Source : IANS