मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और दिल्ली से कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने शुक्रवार शाम को 10 जनपथ जाकर पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। हालांकि दोनों नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष से अलग-अलग मुलाकात की। सूत्रों के अनुसर, इस दौरान दोनों नेताओं ने कई मामलों पर चर्चा की।
कमलनाथ ने सोनिया गांधी को राज्य के मौजूदा सियासी हालातों से परिचित कराया। राज्य में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी की रणनीति की भी जानकारी कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष को दी।
गौरतलब है कि हाल ही में चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। खंडवा लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को चुनाव होना है। मध्यप्रदेश में उप-चुनाव को लेकर इन दिनों कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। उपचुनाव में दोनों पार्टियों की जीत की अपनी-अपनी दावेदारी है।
बीजेपी की ओर से, आगामी चुनाव के मद्देनजर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी। इससे पहले गुरुवार को मध्य-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।
यह चुनाव दोनों राजनीतिक पार्टियों के लिए कितना महžवपूर्ण है, इसका अंदाजा मुलाकातों के इन सिलसिलों से लगाया जा सकता है। हाल ही में बीजेपी पर वार करते हुए कमलनाथ ने पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर निशाना साधा था। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा था, मध्य प्रदेश में पेट्रोल के बाद अब डीजल भी शतक पार, वही रसोई गैस जल्द ही 1000 पर पहुंचने को बेताब। डीजल, पेट्रोल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों व बढ़ती महंगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। बीजेपी की इन मसलों पर चुप्पी पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा, जो भाजपा नेता पेट्रोल व डीजल की जरा सी बढ़ती कीमतों पर विपक्ष में साइकिल पर आ जाते थे, आज वो महंगाई की बात करने पर जनता का मजाक उड़ाते हैं, अजीबोगरीब तर्क देने में लग जाते हैं। कांग्रेस इस मूल्यवृद्धि पर चुप नहीं बैठेगी। हम जनता के साथ मिलकर सड़कों पर इसका विरोध करेंगे।
वहीं दूसरी ओर अरविंदर सिंह लवली को लेकर चर्चा जारी है कि जल्द ही पार्टी में इन्हें कोई नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसी सिलसिले में लवली ने भी शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की। हालांकि लंबे समय के प्रयास के बाद भी लवली को पार्टी में कुछ महत्वपूर्ण नहीं मिल पाया है। ऐसा लगता है कि शीला कैबिनेट में रहे अरविंदर सिंह लवली एक बार फिर अपनी खोई जमीन तलाशने में जुटे हैं।
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Source : IANS