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पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह पंचतत्व विलीन, बेटे राजवीर ने दी मुखाग्नि (लीड-1)

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह पंचतत्व विलीन, बेटे राजवीर ने दी मुखाग्नि (लीड-1)

Updated on: 23 Aug 2021, 09:25 PM

अलीगढ़/बुलंदशहर 23 अगस्त:

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। राजकीय सम्मान के साथ बुलंदशहर जिले के नरौरा स्थित बंशी घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। उनके बेटे राजवीर सिंह ने मुखाग्नि दी।

कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर नरौरा के बसी घाट पर अग्नि को समर्पित कर दिया गया। उनके बेटे राजवीर सिंह ने मुखाग्नि दी। इससे पहले गंगा किनारे बनी चिता पर पार्थिव शरीर रखे जाने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, मंत्री स्मृति ईरानी, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य समेत तमाम हस्तियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें अंतिम सलामी दी।

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह बाबू जी की अंतिम यात्रा में भारी सैलाब उमड़ा। जिस भी रास्ते से बाबू जी का पार्थिव शरीर गुजरा, लोगों की आंखें नम हो गईं। महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चों ने उन पर पुष्प वर्षा की। कई घंटों तक लोग अलीगढ़ के स्टेडियम से बुलंदशहर के नरौरा घाट तक सड़कों के दोनों तरफ खड़े रहे। सुबह 9 बजे से शुरू हुई ये यात्रा शाम तीन बजे नरौरा घाट पहुंची। घाट पर पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है।

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पार्थिव देह का अंतिम दर्शन पाने सोमवार को अलीगढ़ में उनकी जन्मभूमि अतरौली में देश के दिग्गज पधारे। नरेंद्र मोदी सरकार गृह मंत्री अमित शाह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल तथा भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उनका अंतिम दर्शन किया।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कल्याण सिंह को अंतिम विदाई देने गये थे। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह जी एक व्यक्ति नहीं, एक संस्था और आंदोलन थे। अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण उनका संकल्प था और ये संकल्प उनके बिना पूरा नहीं हो सकता था।

उन्होंने कहा कि मुझे अच्छी तरह से याद है कि किसानों का अधिकार पत्र उन्होंने बनाया था। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सामान्य परिवार में जन्म लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर और उसमें भी अयोध्या में भगवान श्रीरामचंद्र जी की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो, यह आदरणीय कल्याण सिंह जी का संकल्प था। बाबूजी के बिना यह संकल्प पूरा नहीं हो सकता था, इसलिए जिस दिन मंदिर का शिलान्यास हो रहा था, उसी दिन बड़े संतोष के भाव से उन्होंने कहा था कि आज मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया।

ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन शनिवार को हुआ था। रविवार को उनकी पार्थिव देह को एयर एंबुलेंस से लखनऊ से अलीगढ़ के धनीपुर एयरपोर्ट लाया गया था, जहां से अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम ले जाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सतत निगरानी में यहां पर लोग कल्याण सिंह की पार्थिव देह का अंतिम दर्शन कर रहे थे।

पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए सोमवार को बुलंदशहर के नरौरा लाया गया। उनके अंतिम दर्शनों के लिए भारी जनसैलाब यहां पर उमड़ा है। इसके पूर्व उनकी पार्थिव देह को कर्मभूमि अलीगढ़ से जन्मभूमि उनके पैतृक गांव अतरौली लाया गया था। अब उनके गांव में लोग अपने जनप्रिय नेता के अंतिम दर्शन किए।

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