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मुजफ्फरनगर ट्रेन हादसा: पिछले 10 सालों में ट्रेन दुर्घटना में जा चुकी है सैकड़ों जिंदगियां

उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के खतौली थानाक्षेत्र में कलिंग उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें जान-मान का भारी नुकसान हुआ है।

Updated on: 19 Aug 2017, 09:31 PM

highlights

  • मुजफ्फरनगर: उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरे, कई यात्रियों की मौत
  • पिछले 10 सालों में ट्रेन हादसे में जा चुकी है सैकड़ों जानें

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के खतौली थानाक्षेत्र में कलिंग उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें जान-मान का भारी नुकसान हुआ है। अब-तक 23 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 23 से अधिक लोग घायल हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है।

रेलवे प्रवक्ता के मुताबित 14 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। रेल और राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी राहत व बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर का हादसा न पहला है और ना आखिरी। अब तक रेल हादसे में हजारों लोगों की जान जा चुकी है। आइए जानते हैं देश में पिछले दस सालों में हुए ट्रेन हादसे के बारे में।

22 जनवरी 2017: आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में हुई रेल दुर्घटना में 41 लोगों की मौत हो गई थी। दुर्घटना ओडिशा के रायगड़ा जिले से 24 किलोमीटर दूर कुनेरू स्टेशन के पास हुई। ट्रेन छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर जा रही थी।

20 नवंबर 2016: कानपुर जिले के पुखरायां में इंदौर से पटना जा रही इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में कम से कम 150 लोगों की मौत हो गई थी। पटना-इंदौर एक्सप्रेस के 14 कोच पटरी से उतर गए थे।

5 अगस्त 2015: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में 15 मिनट के भीतर दो रेलगाड़ियां पटरी से उतरकर काली माचक नदी में गिर गईं। इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी। मुम्बई से वाराणसी जा रही कामायनी एक्सप्रेस भोपाल-खंडवा रेल खंड पर हरदा जिले के खिरकिया रेलवे स्टेशन से गुजरने के दौरान दुर्घटना का शिकार हो गई। इस रेलगाड़ी के कई डिब्बे काली माचक नदी के पुल पर से गुजरते समय पटरी से उतरकर नदी में गिर गए।

20 मार्च, 2015: देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 34 लोगों की मौत हो गई।

4 मई, 2014: दिवा सावंतवादी पैसेंजर ट्रेन नागोठाने और रोहा स्टेशन के बीच पटरी से उतर गई थी, जिससे ट्रेन में सवार 20 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से भी ज्यादा लोग घायल हो गये थे।

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3. 28 दिसंबर 2013: बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस ट्रेन के में एयर कंडिशन कोच में आग लगने के कारण 26 लोग काल के गाल में समा गए थे। उसी साल 19 अगस्त को राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से बिहार के खगड़िया जिले में भी 28 लोगों की मौत हो गई थी।

4. 30 जुलाई 2012: हादसों के मामले में साल 2012 भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे बुरे साल साबित हुआ। इस साल लगभग 14 रेल हादसे हुए। इनमें पटरी से उतरने और आमने-सामने टक्कर दोनों तरह के हादसे शामिल हैं। 30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लग जाने से 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

5. 07 जुलाई 2011: उत्तर प्रदेश में ट्रेन और बस की टक्कर होने की वजह से 38 लोगों की मौत हो गई थी।

6. 20 सितंबर 2010: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस से एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इससे टक्कर में 33 लोगों की जान चली गई और 160 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे।

7. 19 जुलाई 2010: पश्चिम बंगाल में उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस की टक्कर में 62 लोग मर गए थे और 150 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

8. 28 मई, 2010: पश्चिम बंगाल में संदिग्ध नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी। इस हादसे में 170 लोगों की मौत हो गई थी।

9. 21 अक्तूबर, 2009: उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की आखिरी बोगी से टकरा गया था, जिससे इस घटना में 22 लोग मारे गए थे, जबकि 23 अन्य घायल हो गये थे।

10. 14 फरवरी 2009: रेल बजट के दिन हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे ओडिशा में जाजपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गए थे। इससे हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई और 50 घायल हो गए थे।

अगस्त 2008: सिकंदराबाद से काकिनाडा जा रही गौतमी एक्सप्रेस में आग लगने से 32 लोगों की मौत हो गई थी।

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