कश्मीरी माइग्रेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने शनिवार शाम नोएडा में एक कैंडललाइट मीटिंग की और राहुल भट को श्रद्धांजलि दी, जिनकी पिछले सप्ताह आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में 12 मई को कश्मीरी पंडित युवक राहुल भट की आतंकवादियों ने उनके कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
वह 2011 में कश्मीरी प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत बडगाम जिले के चदूरा क्षेत्र में तहसीलदार के कार्यालय में क्लर्क के रूप में काम करता था।
कश्मीरी माइग्रेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने घाटी में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर हमलों में तेजी के मद्देनजर न्याय और उन्हें सुरक्षित वातावरण में स्थानांतरित करने की मांग की, भट के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के नारे लगाए।
ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक उत्पल कौल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, दशकों के बाद भी कश्मीरी पंडितों के लिए घाटी में भय का माहौल बना हुआ है। हम इस क्रूर हत्या के लिए सरकार से न्याय की मांग करते हैं।
कश्मीरी माइग्रेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल हक ने कहा, अनुच्छेद 370 को हटाना जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम था और हम सभी ने केंद्र सरकार के उस कदम की सराहना की, लेकिन विस्थापन का मूल कारण अभी भी घाटी में है।
उन्होंने कहा कि घाटी में भय का माहौल है और राहुल भट की यह नृशंस हत्या उसी का प्रतिबिंब है।
इस बीच, राहुल भट की भीषण हत्या को लेकर पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर सरकार ने अब भट की विधवा मीनाक्षी रैना की अनुकंपा नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। उन्हें 14,800-47,100 रुपये के बीच वेतनमान के साथ नोवाबाद गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल में नौकरी दी जाएगी।
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Source : IANS