दिल्ली में अफगान नागरिकों ने मौजूदा संकट के लिए गनी को जिम्मेदार ठहराया

दिल्ली में अफगान नागरिकों ने मौजूदा संकट के लिए गनी को जिम्मेदार ठहराया

दिल्ली में अफगान नागरिकों ने मौजूदा संकट के लिए गनी को जिम्मेदार ठहराया

author-image
IANS
New Update
KABUL, Sept

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

दिल्ली में शरणार्थी के रूप में रह रहे अफगानिस्तान के नागरिकों ने अपने देश की मौजूदा स्थिति के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि हालांकि वहां की स्थिति रहने के लिए अनुकूल नहीं थी, लेकिन गनी के सात साल के शासन ने लोगों के लिए हालात बदतर बना दिए हैं।

Advertisment

अफगान नागरिकों ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि गनी ने वास्तव में अफगानिस्तान को तालिबान के हाथों बेच दिया है और नागरिकों को उनके भाग्य पर छोड़कर देश से भाग गए। उन्होंने कहा कि अफगान सैनिक तालिबान से लड़ना चाहते थे, लेकिन गनी ने हमेशा उन्हें हतोत्साहित किया।

उन्होंने कहा कि तालिबान ने एक के बाद एक प्रांतों को निशाना बनाकर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है और सरकार ने उन्हें (तालिबानियों) अनुमति दी है, सैनिकों को उनके खिलाफ लड़ने के बजाय शांति बनाए रखने के लिए कहा है।

अफगानिस्तान के नागरिक बासित फलाह भारत में दो साल से रह रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारे सैनिक कमजोर नहीं हैं, उनके पास पर्याप्त बंदूकें और अन्य उपकरण थे और प्रत्येक सैनिक देश के लिए लड़ते हुए मरना चाहता था, लेकिन इस सरकार ने उन्हें लड़ने की अनुमति नहीं दी। अब, यह साबित हो गया है कि गनी ने पाकिस्तान समर्थित तालिबान के हाथों देश को बेच दिया और भाग गए।

उन्होंने कहा कि जब से गनी राष्ट्रपति बने, उन्होंने तालिबान को अफगान प्रांतों में प्रवेश करने की खुली छूट दे दी। तालिबान अचानक आया है, लेकिन यह एक सुनियोजित साजिश थी। जब तालिबानी अफगानों पर हमला करते थे तो हमारे राष्ट्रपति कहते थे कि शांति बनाए रखें। वह कहेंगे कि हमें उनके साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखने की आवश्यकता है। क्यों? क्योंकि हमारे राष्ट्रपति ने साजिश रची थी। उनकी एक ही नीति थी, देश को बेचो और उन्होंने आखिरकार ऐसा ही किया।

एक अन्य अफगान नागरिक नदीम ने कहा कि मजार-ए-शरीफ और हेरात सहित आधा दर्जन प्रांतों के नेता हमेशा राष्ट्रपति गनी के विचारों के खिलाफ थे और वे तालिबान से लड़ना चाहते थे, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने उनका समर्थन नहीं किया।

तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश किया। यह घटनाक्रम अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी के मद्देनजर आश्चर्यजनक गति से शुरू हुआ।

नदीम ने कहा, भारत ने अफगानिस्तान सरकार को एमआई-35 हेलीकॉप्टर दिए थे, लेकिन गनी सरकार ने उन्हें दो सप्ताह के भीतर तालिबान को सौंप दिया। अशरफ गनी अफगानिस्तान से भाग गया, क्योंकि वह जानता था कि इसके लिए उसे दंडित किया जाएगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
Advertisment