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कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के. मथाई (K mathai) ने राज्य के मुख्य सचिव सहित 10 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रताड़ना और शोषण का मामला दर्ज करवाया है. अधिकारी का आरोप है कि ईमानदारी से काम करने की वजह से पिछले 10 सालों में उनका 27 बार तबादला किया गया. इसके अलावा उनका प्रमोशन, इंसेंटिव और दूसरी सुविधाएं रोक दी गईं हैं. के मथाई फिलहाल कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के असिस्टेंट कमिश्नर हैं.
जानकारी के मुताबिक राज्य मानवाधिकार आयोग ने के. मथाई (K mathai) की अर्जी मंज़ूर कर ली है, इस अर्जी में मथाई ने राज्य के मुख्य सचिव विजय भास्कर सहित 10 बड़े अधिकारियों को आरोपी बनाया है. के. मथाई (K mathai) ने इन अफसरों पर आरोप लगाया है कि मंड्या में तैनाती के दौरान उन्होंने 300 करोड़ रुपये के ज़मीन घोटाले को उजागर किया था और बीबीएमपी में 2000 करोड़ का घोटाला पकड़ा.
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तभी से नेता और अधिकारी के मथाई के पीछे पड़ गए. के मथाई ने कहा कि, 'लोकायुक्त ने मेरी बात नहीं मानी, चीफ सेक्रेटरी सुनते नहीं हैं. मुख्यमंत्री मुझे वक़्त नहीं देते. सभी दरवाज़े बन्द हो गए. इसी वजह से मैंने राज्य मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया. मेरे पास और कोई दूसरा विकल्प नहीं था'. वहीं दूसरी तरफ, कर्नाटक के मुख्य सचिव विजय भास्कर से जब इस बारे में पूछा गया तब उन्होंने बताया कि अभी तक मुझे नोटिस नहीं मिला है. जब आएगा तो हम उसका जवाब देंगे.
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Source : News Nation Bureau
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