दिल्ली चुनाव पर ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- बेहद निराशाजनक, कांग्रेस को नई विचारधारा की जरूरत

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ नए तरीके से सोचने और जुड़ने का विकल्प चुनना होगा.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ नए तरीके से सोचने और जुड़ने का विकल्प चुनना होगा.

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Sushil Kumar
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दिल्ली चुनाव पर ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- बेहद निराशाजनक, कांग्रेस को नई विचारधारा की जरूरत

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया( Photo Credit : ANI)

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. दिल्ली में लगातार दो बार से कांग्रेस का खाता नहीं खुल रहा है. जिस कांग्रेस का दिल्ली में लगातार 15 सालों तक शासन था, उसी कांग्रेस का लगातार दो बार सूपड़ा साफ हो गया. करारी हार मिलने के बाद कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारी पार्टी के लिए यह बेहद निराशाजनक है.उन्होंने कहा कि पार्टी को एक नई विचारधारा और एक नई कार्य प्रक्रिया की तत्काल आवश्यकता है. देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ नए तरीके से सोचने और जुड़ने का विकल्प चुनना होगा. तभी हमारा प्रदर्शन अच्छा होगा.

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बता दें कि दिल्ली चुनाव का परिणाम 11 फरवरी को आया था. जिसमें आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी. आदमी पार्टी को 62 सीटों पर विजय हासिल हुई. वहीं बीजेपी महज 8 सीट पर ही सिमट गई. लेकिन कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला. कांग्रेस का लगातार दो बार खाता नहीं खुला. 2015 के चुनाव में भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी. बीजेपी को 3 सीट से ही संतुष्ट करना पड़ा था. लेकिन आम आदमी पार्टी ने रिकोर्ड तोड़ 67 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है. कांग्रेस ने दिल्ली में लगातार 15 सालों तक राज किया है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पा रहा है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे. वहीं दूसरी तरफ पीसी चाको ने दिल्ली कांग्रेस प्रदेश कमेटी के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया. हार के बाद कांग्रेस के अंदर ही काफी बयानबाजी होने लगे थे. सुभाष चोपड़ा ने भी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए यह फैसला किया. इसलिए सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस को नई विचारधारा की जरूरत है. 

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