कनाडा से प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा को लेकर एक विवाद और जुड़ गया है। उनके रिसेप्शनके दौरान कनाडा के दूतावास पर आयोजित डिनर में भारत का जो नक्शा इस्तेमाल किया गया था उसमें से जम्मू-कश्मीर गायब था।
18 फरवरी से 24 फरवरी तक ट्रूडो भारत की एक हफ्ते की यात्रा पर थे।
ट्रूडो की भारत यात्रा विवादों में रही। खालिस्तानी अंतरराष्ट्रीय सिख युवा संघ के आतंकवादी जसपाल अटवाल को कैनेडा के पीएम के साथ औपचारिक डिनर पार्टी में निमंत्रित किया गया था। जिसे कनाडा के हाई कमिश्नर नादिर पटेल ने आयोजित करवाया था।
विवाद बढ़ने के बाद पीएमओ प्रवक्ता एलेनॉर कैटनारो ने कहा, 'मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि हाई कमीशन अटवाल के निमंत्रण को कैंसल करने की प्रक्रिया में है।'
ट्रूडो की पत्नी की एक फोटो भी अटवाल के साथ आई थी जिसको लेकर भी उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ा।
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जसपाल अटवाल को पंजाब के मंत्री मलकीत सिंह सिधु की 1986 में वैनकोर आयलैंड में हत्या करने के की कोशिश के मामले में दोषी पाया गया था।
अटवाल विवाद पर ट्रूडो ने भी सफाई देते हुए कहा था, 'स्पष्टत:, हमने इसे गंभीरता से लिया है। उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था। जैसे ही हमें यह सूचना मिली हमने इसे खारिज किया, एक सांसद ने इस व्यक्ति को बुलाया था।'
इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी बड़ा बयान दिया है और कहा कि यह साफ नहीं है कि खालिस्तानी कार्यकर्ता को वीजा कैसे दिया गया।
रवीश कुमार ने कहा, 'इनकी मौजूदगी और वीजा दो पहलुएं हैं। कनाडा ने सफाई दी है कि आमंत्रण को रद्द किया गया है। वीजा के बारे में हमें जानकारी नहीं है कि यह कैसे हुआ। हमने अपने आयोग से सूचना प्राप्त की है।'
रवीश ने कहा, 'अब हम चीजों पर अनुमान न लगाएं और फैसला करें कि वह कैसे यहां आ गया। हम इसमें पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें उसके भारत आने के कारणों का पता जल्द लग जाएगा।'
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Source : News Nation Bureau