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निर्भया के दोषियों को फांसी देने यहां से आया फंदा, ये जल्लाद देगा मौत

राष्ट्रीय राजधानी में हुए निर्भया गैंगरेप केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया है. 22 जनवरी को सुबह 7 बजे इन दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा.

Updated on: 07 Jan 2020, 06:59 PM

नई दिल्ली:

26 दिसंबर 2012 को राष्ट्रीय राजधानी में हुए निर्भया गैंगरेप केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया है. 22 जनवरी को सुबह 7 बजे इन दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा. निर्भया बलात्कार कांड के चारों दोषी पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह और विजय ठाकुर तिहाड़ जेल में बंद है. चारों दोषियों को पहले ही फांसी की सजा दी जा चुकी है. आज सिर्फ निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया गया है. इस घटना को 6 पुरुषों ने अंजाम दिया था, इनमें एक आरोपी रामसिंह ने जेल में ही खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक आरोपी नाबालिग होने की वजह से 3 साल के लिए सुधार गृह भेज दिया गया था. जिसे सजा पूरी होने के बाद रिहा कर दिया गया था. इन दोषियों को उत्तर प्रदेश का जल्लाद फांसी देगा और बिहार के बक्सर में बने फंदे से लटकाया जाएगा. 

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चारों गुनाहगारों को फांसी पर लटकाने के लिए उत्तर प्रदेश से जल्लाद को बुलाया गया है. इन दोषियों को मेरठ के पवन जल्लाद फांसी पर लटकाएंगे. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने एक जल्लाद की सेवा लेने के लिए उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन को पत्र लिखा है. साथ ही आज अदालत द्वारा तय किए गए सभी 4 दोषियों की फांसी की तारीख और समय के बारे में उन्हें सूचित कर दिया है. तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने बताया कि हम मेरठ के एक जल्लाद की सेवा लेंगे. जेल में एक साथ सभी 4 दोषियों को फांसी देने के लिए हमारे पास उचित व्यवस्था है. कोर्ट के फैसले के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी की तैयारियां शुरू कर दी हैं. चारों दोषियों को जेल नंबर-3 के फांसी घर में भेजा जा सकता है. जेल प्रशासन ने चारों पर निगरानी बढ़ा दी है.

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इन गुनाहगारों को बिहार के बक्सर में बने रस्सी के फंदों से फांसी दी जाएगी. तिहाड़ जेल प्रशासन ने बक्सर सेंट्रल जेल से फांसी के लिए फंदे मंगाए हैं. बक्सर जेल प्रशासन पहले ही इस बात की पुष्टि कर चुका है. जेल प्रशासन के मुताबिक, बक्सर से फांसी के 10 फंदे मंगाए गए हैं.  बक्सर की जेल में फांसी के फंदे बनाए जाने का इतिहास काफी पुराना है. बक्सर जेल में लंबे समय से फांसी के फंदे बनाए जाते हैं. एक फांसी का फंदा 7200 कच्चे धागों से बनता है. जबकि उसकी एक लट में करीब 154 धागे होते हैं, जिन्हें मिलाकर 7200 धागों का कर लिया जाता है. एक रस्सी बनाने में 3 से 4 दिन लगते हैं. जेल के अंदर यह काम 5 से 6 कैदी करते हैं. कहा जाता है कि संसद पर हुए आतंकी में अफजल गुरु को मौत की सजा देने के लिए रस्सी के जिस फंदे का इस्तेमाल किया गया था, वह इसी जेल में तैयार किया गया था.