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17 फरवरी को मिल गई थी तबादले की सूचना, जस्‍टिस मुरलीधर ने विदाई समारोह में कही यह बात

न्यायमूर्ति मुरलीधर ने कहा, मुझे 17 फरवरी को इसके बारे में (स्थानान्तरण के बारे में) सूचित किया गया था और इससे कोई समस्या नहीं थी. कॉलेजियम द्वारा तबादले की सिफारिश को लेकर CJI एसए बोबडे से मुझे 17 फरवरी को एक संदेश प्राप्त हुआ था.

Updated on: 06 Mar 2020, 09:27 AM

नई दिल्‍ली:

दिल्ली हाईकोर्ट से विदा हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.मुरलीधर ने गुरुवार को कोर्ट के वकीलों व न्यायाधीशों को अपने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में तबादले के घटनाक्रम के संबंध में जानकारी दी. दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य भवन में अपने विदाई समारोह में न्यायमूर्ति मुरलीधर ने कहा, "मुझे 17 फरवरी को इसके बारे में (स्थानान्तरण के बारे में) सूचित किया गया था और इससे कोई समस्या नहीं थी. कॉलेजियम द्वारा मेरे तबादले की सिफारिश को लेकर प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे से मुझे 17 फरवरी को एक संदेश प्राप्त हुआ था."

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इसे स्वीकार करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने जवाब दिया था कि यदि उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से स्थानांतरित किया जाता है तो उन्हें पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट जाने में कोई आपत्ति नहीं है. 26 फरवरी को कानून एवं न्याय मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मुरलीधर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में तबादला किए जाने को अधिसूचित किया.

मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया, "राष्ट्रपति ने प्रधान न्यायाधीश से परामर्श के बाद दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.मुरलीधर का तबादला किया है और उन्हें पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर कार्यभार संभालने का निर्देश दिया है."

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इससे विवाद खड़ा हो गया क्योंकि उसी दिन न्यायमूर्ति मुरलीधर की अध्यक्षता में हाईकोर्ट की एक पीठ ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा के संदर्भ में कई आदेश पारित किया और कहा कि 1984 जैसी दूसरी स्थिति शहर में पैदा होने की अनुमति नहीं दी जा सकती.