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वारंट पर बोले जस्टिस कर्णन- दलित होने के कारण किया जा रहा है टारगेट

कलकत्ता हाईकोर्ट के जज, जस्टिससी.एस.कर्णन ने शुक्रवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ अवमानना मामले में जमानती वारंट जारी करना असंवैधानिक है।

Updated on: 10 Mar 2017, 03:10 PM

highlights

  • जस्टिस सी.एस.कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के वारंट को बताया असंवैधानिक
  • कर्णन ने कहा बिना जांच और सबूत के दे दिया गया फैसला 
  • कर्णन ने बोला दलित होने के कारण किया जा रहा है टारगेट 

नई दिल्ली:

कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सी.एस.कर्णन ने शुक्रवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ अवमानना मामले में जमानती वारंट जारी करना असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जस्टिस कर्णन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा,'आज जमानती वारंट जारी किया गया.. इस पर रोक लगाई जाएगी। इनके पास मेरे खिलाफ वारंट जारी करने का अधिकार नहीं है। यह असंवैधानिक है।' 

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जस्टिस कर्णन ने बताया,' यह राष्‍ट्रीय मुद्दा है। प्रधानमंत्री को जानकारी दी है कि कुछ जज अवैध गतिविधियों में लगे हुए हैं।' जस्टिस कर्णन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा,' वारंट बिना जांच, सबूत और चर्चा के जारी किया गया है। यह आदेश मनमाना, मेरी जिंदगी और कॅरियर बर्बाद करने के लिए जानबूझकर यह आदेश जारी किया गया है।'

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उन्‍होंने कहा, 'यह जाति से जुड़ा मुद्दा है और उन्हें दलित होने के कारण टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे वारंट को रद्द कराने के लिए राष्ट्रपति से अपील करेंगे।'

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने समन के बावजूद पेश ना होने पर कर्णन के खिलाफ जमानती वांरट जारी किया है। अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाइकोर्ट के जज जस्टिस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट के समन के बावजूद कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 31 मार्च को पेश होने का निर्देश दिया है।

IANS के इनपुट के साथ