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जस्टिस सीएस कर्णन का आदेश, CJI समेत 7 जजों को विदेश यात्रा पर लगाया बैन

कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्णन ने एयर कंट्रोल अथॉरिटी को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत अन्य 7 जजों को विदेश की यात्रा तब तक न करने देने का आदेश जारी किया है जब तक उन पर चल रहे केस ख़त्म न हो जाएं।

Updated on: 29 Apr 2017, 08:40 AM

नई दिल्ली:

कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्णन ने शुक्रवार को एयर कंट्रोल अथॉरिटी को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत अन्य 7 जजों को विदेश की यात्रा तब तक न करने देने का आदेश जारी किया है जब तक उन पर चल रहे केस ख़त्म न हो जाएं।

यह आदेश सीएस कर्णन ने अपने घर रोज़डेल टावर्स, न्यू टाउन पर ही शिफ्ट की गई अदालत में पास किया है। इससे पहले 13 अप्रैल को भी जस्टिस सीएस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और 7 जजों को 28 अप्रैल को अपनी अदालत में पेश होने का समन भेजा था।

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यह समन जस्टिस कर्णन ने अनुसूचित जाति/जनजाति (प्रताड़ना से संरक्षण) अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में जारी किया था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायाधीशों ने स्व-संज्ञान लेते हुए फरवरी में न्यायाधीश कर्णन के खिलाफ अदालत की अवमानना का आदेश जारी किया था।

अवमानना का आदेश जनवरी में कर्णन द्वारा 20 न्यायाधीशों को भ्रष्ट बताते हुए उनके खिलाफ जांच की मांग के बाद जारी किया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीश कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया था। 

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इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के जज न्यायाधीश कर्णन 31 मार्च को शीर्ष अदालत के सामने पेश भी हुए थे। 31 मार्च को हुई सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच के मुताबिक जस्टिस कर्णन के ख़त से ऐसा महसूस हुआ कि कर्णन प्रधानमंत्री को सीजेआई को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 20 जजों के खिलाफ लगाए भ्रष्टाचार की शिकायत वापस बिना किसी शर्त वापल लेंगे।

हालांकि बेंच के सामने पेश होने से पहले जस्टिस कर्णन ने कहा था कि वो तभी माफी मांगेगे जब सुप्रीम कोर्ट उनकी ज्यूडिशियल और प्रशासनिक कार्य बहाल करेंगे, इस अपील को उच्च न्यायालय ने इंकार कर दिया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन ने उनके द्वारा लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों पर 4 हफ्ते के अंदर जवाब एफेडेविट जमा करने को कहा था और 1 मई को होने वाली अगली सुनवाई में पेश होने के लिए कहा था।

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