राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)। वर्तमान में गजवा-ए-हिंद आतंकी मॉड्यूल की जांच के तहत तीन राज्यों में चार स्थानों पर छापेमारी कर रही है, इसका भंडाफोड़ पिछले साल बिहार में हुआ था। गजवा प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंधित था।
इस मामले में हिंसक आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना शामिल है।
बिहार एटीएस और अन्य राज्य पुलिस भी इस मामले में एनआईए की मदद कर रही है।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि बिहार में दरभंगा और पटना में उत्तर प्रदेेेश में बरेली और गुजरात में सूरत में छापेमारी चल रही है।
मामले में एनआईए ने 6 जनवरी को बिहार की एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष मरगूब अहमद दानिश के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
मामला शुरू में पटना के फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और बाद में 22 जुलाई, 2022 को एनआईए द्वारा फिर से दर्ज किया गया था।
दानिश ज़ैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप ग़ज़वा ए हिंद का एडमिन था। उसने भारत के साथ-साथ पाकिस्तान और यमन समेत अन्य देशों के कई लोगों को कट्टरपंथी बनाने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल बनाने के इरादे से अपने साथ जोड़ा था।
दानिश ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर समेत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गज़वा ए हिंद ग्रुप बनाया था।
उसने बीडीगज़वा ए हिंदबीडी नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था और इसमें बांग्लादेशी नागरिकों को जोड़ा था।
एनआईए अधिकारी ने कहा कि छापेमारी पूरी होने के बाद विवरण प्रदान किया जाएगा।
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Source : IANS