Judiciary हैं बोझ से दबी, जजों की नियुक्तियां प्राथमिकताः एनवी रमणा
चीफ जस्टिस ने कहा, हमारी न्यायपालिका बोझ से दबी है. यह एक गैर विवादित तथ्य है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ गयी है और इसके सैकड़ों कारण हैं.
highlights
- अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ गयी है
- जजों की नियुक्तियां करना पहली प्राथमिकता
हैदराबाद:
चीफ जस्टिस एन वी रमण ने कहा कि देश की न्यायपालिका बोझ से दबी हुई है और इसीलिये उनकी प्राथमिकता जजों के खाली पद पर नियुक्तियां करना तथा बुनियादी ढांचे को मजबूत करके लंबित मुकदमों का निपटारा करना है. चीफ जस्टिस ने तेलंगाना के न्यायिक अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मलेन के उद्घाटन समारोह में कहा कि पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने इन दोनों समस्याओं की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा, 'न्याय तक पहुंच सिर्फ तभी संभव है, जब हम न सिर्फ पर्याप्त संख्या में अदालतें मुहैया करायें बल्कि बुनियादी ढांचा भी दें ताकि लोग न्याय पाने के लिये अदालत आयें.'
लंबित मामलों की संख्या भी बहुत
चीफ जस्टिस ने कहा, 'हमारी न्यायपालिका बोझ से दबी है. यह एक गैर विवादित तथ्य है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ गयी है और इसके सैकड़ों कारण हैं. ऐसी स्थिति में यह विचार उठने लगता है कि अगर आप अदालत की शरण में गये भी तो परिणाम आने में कितने साल लग जायेंगे. यह एक बहुत बड़ा सवाल है. हमारे यहां जो अपील करने की प्रणाली है, उससे भी समय अधिक लगता है.'
जजों की नियुक्तियां जरूरी
उन्होंने कहा, 'मैंने इसीलिये महसूस किया कि जितना हो सके जजों की नियुक्ति करनी जरूरी है. मैं हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट या जिला अदालतों में एक भी पद रिक्त रखना नहीं चाहता हूं.' उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में किये गये सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के सर्वेक्षण से पता चला है कि अदालतों का बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है और उन्होंने केंद्र सरकार से इसे मजबूत करने का आग्रह किया है. चीफ जस्टिस एन वी रमण ने जजों को कोरोना महामारी के भय से बाहर निकलने का आग्रह करते हुये कहा कि वे कोर्ट के नियमित समय से अधिक समय देने का कष्ट करें ताकि लंबित मामलों से निपटाया जा सके.
प्रभावी न्यायपालिका से ही लक्ष्य प्राप्ति संभव
उन्होंने कहा कि जब तक न्याय व्यवस्था की प्रणाली को आंतरिक रूप से प्रभावी नहीं बनाया जायेगा तब तक लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है. उन्होंने जजों पर होने वाले हमलों का जिक्र करते हुये कहा कि उन्हें इसकी जानकारी है और वह इसे रोकने के लिये हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. न्यायिक अधिकारियों के लिये कोर्ट के अंदर तथा बाहर सुरक्षा को बेहतर बनाने के निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि वे फैसला सुनाते समय मानवीय पक्ष का जरूर ध्यान रखें और सभी का सम्मान करें. वे अपने समक्ष उपस्थित सबूतों के बारे में स्वतंत्र राय कायम करें. वे नये फैसलों और कानूनों की जानकारी रखें.
तेलंगाना सीएम की तारीफ
उन्होंने कहा कि न्याय के क्षेत्र में सीखना कभी बंद नहीं होता है. नये कानूनों, प्रक्रियाओं और फैसलों की जानकारी न्याय सुनिश्चित करने में मदद करती है. चीफ जस्टिस ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने न्यायपालिका के लिये 4,320 रिक्तियों को भरने की मंजूरी दी, जो एक उपलब्धि है. उन्होंने हैदराबाद में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना को भी उल्लेखनीय प्रगति बताया और कहा कि महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों से भी ऐसे केंद्र की स्थापना की मांगें आ रही है.
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