न्यायिक और पुलिस हिरासत में कैदियों की मौत में यूपी नंबर वन- NHRC

NHRC के अध्यक्ष एच एल दत्तू ने बताया कि साल 2015 के अक्टूबर से इस साल सितंबर तक 1757 मौतें न्यायिक हिरासत में हुई हैं।

NHRC के अध्यक्ष एच एल दत्तू ने बताया कि साल 2015 के अक्टूबर से इस साल सितंबर तक 1757 मौतें न्यायिक हिरासत में हुई हैं।

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Akash Shevde
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न्यायिक और पुलिस हिरासत में कैदियों की मौत में यूपी नंबर वन- NHRC

यूपी पुलिस की कस्टडी में कैदियों की सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। (File Photo- Getty Images)

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी पुलिस की कस्टडी में कैदियों की सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस के मौके पर हुई एक बैठक में ये जानकारी दी गई। NHRC के अध्यक्ष एच एल दत्तू ने बताया कि साल 2015 के अक्टूबर से इस साल सितंबर तक 1757 मौतें न्यायिक हिरासत में हुई हैं। वहीं 192 लोगों की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। इसमें 428 मौतें सिर्फ उत्तर प्रदेश में हुई हैं।

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पत्रकारों को संबोधित करते हुए एच एल दत्तू ने बताया कि हर साल मानवाधिकार हनन मामले की 1 लाख से ज्यादा शिकायतें मिलती हैं। इससे पता चलता है कि लोगों में जागरुकता काफी बढ़ी है। 32,498 शिकायतें पुलिस ज्यादती की मानवाधिकार आयोग के पास दर्ज कराई गई हैं। इससे पता चलता है कि लोगों की अधिकारों के प्रति जागरुता बढ़ी है। लेकिन अब भी काफी काम किए जाने की ज़रूरत है।

HIGHLIGHTS

  • 2015 के अक्टूबर से इस साल सितंबर तक 1757 मौतें न्यायिक हिरासत में हुई।
  • इसमें 428 मौतें सिर्फ उत्तर प्रदेश में हुई हैं।
  • हर साल मानवाधिकार हनन मामले की 1 लाख से ज्यादा शिकायतें मिलती हैं।
  • 32,498 शिकायतें पुलिस ज्यादती की मानवाधिकार आयोग के पास दर्ज कराई गई हैं।

Source : News Nation Bureau

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