धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या में अदालत का फैसला आने के बाद उनके परिजनों ने कहा है कि इस हत्याकांड की साजिश के पीछे जो भी शख्स है, उसका चेहरा या नाम अब भी सामने नहीं आ पाया है। जज उत्तम आनंद के छोटे भाई एडवोकेट सुमन शंभु ने आईएएनएस से कहा कि अदालत का फैसला तो अपनी जगह बिल्कुल सही और सराहनीय है, लेकिन हमारे परिवार को अब भी इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है कि उनकी हत्या किसने, क्यों और कैसे करवाई?
उन्होंने कहा कि हमारे पास कई सवाल हैं और हमें उनका जवाब नहीं मिला है। हमारे भाई की हत्या के एक साल हो गये, लेकिन आज तक हमारे परिवार को कोई मदद नहीं मिली है। जज साहब के आश्रित किस हाल में हैं? यह किसी सरकार ने आज तक नहीं पूछा। सरकारी प्रावधान के तहत तो जो सहायता मिलनी चाहिए, वह मिलेगी भी या नहीं या कब मिलेगी ?
एडवोकेट सुमन शंभु ने कहा कि सीबीआई की जांच में यह नतीजा आया कि जज उत्तम आनंद की हत्या लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा ने ऑटो से टक्कर मारकर की थी, लेकिन सवाल यह है कि उनके माथे के दायीं ओर भारी वस्तु से जो चोट पायी गयी क्या वह केवल ऑटो की टक्कर से लगी चोट थी? यह सवाल भी अनुत्तरित है कि जज साहब की हत्या के पीछे इरादा या उद्देश्य क्या था? इस हत्या के पीछे किसी अन्य व्यक्ति का हाथ हो सकता है, यह बात सीबीआई भी शुरू से मान रही थी। फिर सवाल यह है कि वह व्यक्ति कौन है? जज उत्तम आनंद धनबाद सहित जिन स्थानों पर भी पोस्टेड रहे, उन्होंने कई अपराधियों के खिलाफ फैसले दिये होंगे, क्या वैसे मामलों पर पूरी तरह जांच हुई है? जज साहब को टक्कर मारने वाले आरोपियों के बयान कई बार अलग-अलग आये हैं तो आखिर इसके पीछे का सच क्या है?
जज उत्तम आनंद के पिता सदानंद प्रसाद हजारीबाग के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की मॉनिटरिंग चूंकि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस खुद कर रहे हैं, इसलिए हमने न्यायपालिका पर पूरा भरोसा रखा है। जो फैसला आया है, उसपर भी हम कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि मामले की जांच करने वाली एजेंसी सीबीआई को मुख्य साजिशकर्ता तक पहुंचना चाहिए।
सनद रहे कि जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में धनबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने ट्रायल पूरी होने के बाद गुरुवार को ऑटो चालक लखन वर्मा और राहुल वर्मा को दोषी करार दिया है। ठीक एक साल पहले 28 जुलाई 2021 की सुबह पांच बजकर आठ मिनट पर धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद को एक ऑटो से टक्कर मारकर उनकी जान ले ली गयी थी। उस वक्त वह मॉनिर्ंग वाक पर निकले थे। अगले ही दिन ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जज की पत्नी की अर्जी पर इस बाबत हत्या का मामला दर्ज किया गया था। बाद में राज्य सरकार की सिफारिश और हाईकोर्ट के आदेश पर इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी। सीबीआई ने इस मामले में अपनी चार्जशीट और कुल 58 गवाहों के बयान के आधार पर अदालत में यह स्थापित किया है कि आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जान लेने के इरादे से जज उत्तम आनंद को टक्कर मारी थी, जिससे उनकी मौत हुई।
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Source : IANS