बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की तरफ से जज बीएच लोया की मौत मामले में दायर पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज (मंगलवार) खारिज कर दिया। एसोसिएशन ने अपनी पुनर्विचार याचिका में अदालत से अप्रैल में दिए गए अपने फैसले को बदलने का आग्रह किया था।
अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की एसआईटी से जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था जज की मौत प्राकृतिक थी।
गौरतलब है कि अप्रैल में इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएम खानविलकर की बेंच ने जज लोया की मौत की एसआईटी से जांच की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि इन याचिकाओं का कोई ठोस आधार नहीं है, मालूम होता है कि यह सिर्फ राजनीतिक हित साधने और चर्चा बटोरने के लिए दायर की गई है।
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सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह याचिकाएं न्यायपालिका की छवि को खराब करने का एक प्रयास हैं।
आखिर क्या है मामला
बता दें कि 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में जज लोया की मौत हो गई थी। जज लोया अपने एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे।
नवंबर 2017 में जज लोया की मौत को उनकी बहन ने संदिग्ध बताया था जबकि पुलिस के अनुसार जज लोया को कार्डिएक अरेस्ट हुआ था।
इसके बाद यह मामला उठा और उसके तार सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर से जोड़ते हुए उनकी मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर कर दी गई।
19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
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Source : News Nation Bureau