बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि राहुल गांधी रक्षा पर स्थायी समिति की एक भी बैठक में शामिल नहीं होते हैं. लेकिन दुख की बात है कि वह राष्ट्र का मनोबल गिराना जारी रखते हैं, हमारे सशस्त्र बलों की वीरता पर सवाल उठाते हैं और वह सब कुछ करते हैं जो एक जिम्मेदार विपक्षी नेता को नहीं करना चाहिए. जिसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां आपको भाजपा प्रवक्ताओं के खराब संस्करण की तरह बना रही हैं.
यदि भाजपा और मोदी सरकार ने अपनी ऊर्जा चीन से लड़ने और हमारे सशस्त्र बलों का समर्थन करने में खर्च की होती, तो आपको राष्ट्र को गुमराह करने के लिए चीनी और भारत सीमा पर तनाव को लेकर झूठ बोलने की आवश्यकता नहीं होती. रणदीप सुरजेवाला ने एक के बाद एक कई सवाल भी ट्वीट किए.
उन्होंने पूछा कि क्या हमारे सशस्त्र सेनाओं और 26 लाख सैन्य पेंशनरों (1/1/2020 से 30/6/2021 तक) के 15 लाख सदस्यों के महंगाई भत्ता का 11,000 CR काटा जा रहा है. क्या यह मोदी सरकार का प्रोत्साहन है?
सुरजेवाला ने पूछा कि संसद की प्राक्कलन समिति जिसकी अध्यक्षता मुरली मनोहर जोशी कर रहे थे. उन्होंने यह कहते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की कि रक्षा व्यय 1962 के बाद से 56 साल में सबसे कम था? क्या यह मोदी सरकार हमारे सशस्त्र बलों के मनोबल को बढ़ाने का तरीका है?
उन्होंने आगे पूछा कि क्या जनरल बीसी खंडूरी की अध्यक्षता में रक्षा पर स्थायी कमिटी ने यह नहीं माना कि हमारे 68% उपकरण पुराने हैं 'और' चीन सीमा पर रणनीतिक सड़कों के निर्माण के लिए अपर्याप्त संसाधन हैं '? क्या मोदी सरकार ने रक्षा समिति की बात सुनी?
उन्होंने पूछा कि मोदी सरकार (वर्ष 2015-428, वर्ष 2016-296, वर्ष 2017-473, वर्ष 2018-404, वर्ष 2019-663) के तहत चीन ने हमारे क्षेत्र पर 2,264 उल्लंघन क्यों किए हैं? भाजपा सरकार ने इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
सुरजेवाला ने आगे पूछा कि चुनिंदा न्यूज़ चैनल चला रहे हैं कि चीनी सेना पी -14 और गालवान घाटी के हमारे इलाके से हट रही है. यदि सही है, तो हम अपनी सेनाओं का स्वागत करते हैं और सलाम करते हैं. लेकिन पीएम ने कहा कि हमारे क्षेत्र पर कभी किसी ने कब्जा नहीं किया. क्या ऐसा कहकर उन्होंने तब राष्ट्र को गुमराह किया था? कृपया इन सब का जवाब दें.
Source : News Nation Bureau