उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वक्फ के 6 सदस्यों की बर्खास्तगी पर रोक लगा दी है।
उत्तर प्रदेश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को भंग कर योगी सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड के 6 सदस्यों को उनके पद से हटा दिया था। हटाए गए सदस्यों में पूर्व राज्यसभा सांसद अख्तर हसन रिज़वी, मुरादाबाद के सैय्यद वली हैदर, मुज़फ्फरनगर की अफशा ज़ैदी, बरेली के सय्यद अज़ीम हुसैन, शासन में विशेष सचिव नजमुल हसन रिज़वी और आलिमा ज़ैदी शामिल हैं।
इन सदस्यों को वक्फ बोर्ड में आर्थिक अनियमितता को लेकर शिकायतें थीं और योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रज़ा की सिफारिश पर सरकार ने बर्खास्तगी का फैसला लिया था।
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि बिना नोटिस दिया सरकार ने कैसे इन लोगों को बर्खास्त कर दिया।
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वक्फ बोर्ड के इन सभी सदस्यों को समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार के दौरान नियुक्त किया गया था।
उत्तर प्रदेश में कथित शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड घोटाले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुके हैं।
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16 जून को उत्तर प्रदेश में कथित शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड घोटाले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। वक्फ के सदस्यों पर वक्फ सम्पत्तियों में 500 करोड़ से एक हजार करोड़ रुपये तक के घोटाले का आरोप है।
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Source : News Nation Bureau