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अग्निपथ से मॉडर्न वॉर फेयर के लिए सेना होगी तैयार, तीनों सेनाओं ने गिनाए फायदे

देशभर में अग्निपथ स्कीम को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच सेना ने मंगलवार को एक संयुक्त प्रेसवार्ता की और स्कीम से जुड़ी जानकारी को सामने रखा.

Updated on: 21 Jun 2022, 06:19 PM

highlights

  • दिल्ली में एक और प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया
  • नेवी ने घोषणा की कल यानी बुधवार से अपना रिक्रूटमेंट प्रोसेस शुरू कर रही है

नई दिल्ली:

देशभर में अग्निपथ स्कीम (Agnipath) को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच सेना ने मंगलवार को एक संयुक्त प्रेसवार्ता की और स्कीम से जुड़ी जानकारी को सामने रखा. तीनों सेनाएं अग्निपथ के तहत अग्निवीरों की भर्ती का ऐलान कर चुकी है. इस बीच इस योजना को लेकर जारी बवाल पर विराम लगाने के लिए दिल्ली में एक और प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमे ट्राई सर्विसेज के अधिकारी और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पूरी मौजूद थे. नेवी ने घोषणा की वह कल यानी बुधवार से अपना रिक्रूटमेंट प्रोसेस शुरू कर रही है साथ ही नौसेना के चीफ ऑफ पर्सनल वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने बताया की नेवी से जो अग्निवीर बाहर आएंगे, डीजी शिपिंग के ऑर्डर के मुताबिक वे मर्चेंट नेवी में डायरेक्ट जा सकते हैं.

डायरेक्ट मर्चेंट नेवी में जा सकेंगे

अग्नीवीर के अलावा जो अन्य नौसैनिक है या सेलर्स वे भी डायरेक्ट मर्चेंट नेवी में जा सकेंगे. वहीं वायुसेना ने भी अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया  में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जो 011 25699606, 25694209 है. आर्मी ने भी अपने रिक्रूटमेंट प्रोसेस की विस्तृत जानकारी देते हुए अगस्त के दूसरे हफ्ते से भर्ती के लिए रैलियों को शुरू करने का ऐलान किया, ऐसी 80 से अधिक रैलियां देशभर में आयोजित होंगी.

यह प्रोसेस बेहद पारदर्शी होगा

इस योजना के तहत तीन प्रमुख लाभ गिनाते हुए डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पूरी ने कहा कि अग्निपथ के जरिए सेना को यूथ प्रोफाइल, टेक सेवी और इंडिविजुअल को फ्यूचर रेडी बनाया जायेगा. 4 साल बाद अग्निवीरों में से 25 फीसदी की स्थाई नियुक्ति को लेकर आश्वत किया गया की यह प्रोसेस बेहद पारदर्शी होगा. स्कीलड, डायनेमिक और मोटिवेटेड यूथ को बोर्ड पारदर्शी तरीके से चुनेगा.

अचानक से लिया गया निर्णय नहीं 

तीनों सेनाओं की तरफ से एक बार फिर साफ किया गया की यह कोई अचानक से लिया गया निर्णय नहीं है बल्कि इसके लिए मैराथन बैठकों का सिलसिला जारी है. इसके लिए तीनों सर्विसेज की 150 बैठकें हुईं, जिसमे 500 घंटे लगे. वही रक्षा मंत्रालय में 60 मीटिंग हुई और 150 घंटे लगे जबकि सरकार एक अपने अंदर विभिन्न मंत्रालयों के साथ 44 बैठके हुई जिसमे 100 घंटे लगे. इस पूरी कवायद का एक ही मकसद है की सेना के प्रोफाइल को यंग किया जाए, 32 साल से घटाकर 26 साल किया जाए जो समय की जरूरत है, मॉडर्न वॉर  फेयर की जरूरत है.

क्या है विदेशों में प्रक्रिया 

सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका में 8 साल के लिए नियुक्ति होती है. इसमें से  4 साल ऐक्टिव और 4 साल रिजर्व होता है. 10 हफ्ते की ट्रेनिंग और औसत उम्र 27 साल तय की गई है. यूके में 16 साल की उम्र तय की गई है. यहां पर इंगेजमेंट 12 साल तय होती है.  चीन का उदाहरण देेते हुए उन्होंने बताया कि अनिवार्य मिलिट्री सर्विस के मामले में 18 साल की उम्र में 2 साल का सक्रिया होती है. 6 माह की ट्रेनिंग होती है. पुरी ने बताया कि हम बाहर के देशों से कॉपी-पेस्ट नहीं कर रहे हैं. भारत की समस्या का हल देश के हिसाब से होगा.

2019-2020 में सेना ने जवानों की भर्ती की थी

भारतीय वायु सेना ने अधिसूचना में कहा कि 29 दिसंबर 1999 से 29 जून 2005 के बीच जन्में उम्मीदवार ही इसके लिए आवेदन कर सकेंगे. वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा ​कि उन्हें यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि ऊपरी आयु सीमा (भर्ती के लिए) को संशोधित कर 23 वर्ष कर दी गई है. इससे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को लाभ मिलेगा.  भारतीय वायुसेना के लिए भर्ती प्रक्रिया 24 जून से आरंभ होगी. कोरोना वायरस ने सेना की भर्ती को दो साल से ज्यादा समय तक के लिए टाल दिया. 2019-2020 में सेना ने जवानों की भर्ती की थी. इसके बाद से कोई एंट्री अभी नहीं हुई है.