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डाटा सुरक्षा पर Google और PayTm से आज सवाल-जवाब करेगी संसदीय समिति

भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) की अध्यक्षता वाली समिति निजी आंकड़ा सुरक्षा विधेयक 2019 (Personal Data Protection Bill 2019) का विचार कर रही है.

Updated on: 29 Oct 2020, 11:11 AM

नई दिल्ली:

गूगल (Google) और पेटीएम (Paytm) के अधिकारी डाटा सिक्योरिटी (Data Security) के मुद्दे पर आज (29 अक्टूबर 2020) संसद की संयुक्त समिति (Joint Committee of Parliament) के सामने पेश होंगे. ये अधिकारी डाटा सिक्योरिटी पर अपना पक्ष रखेंगे. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) की अध्यक्षता वाली समिति निजी आंकड़ा सुरक्षा विधेयक 2019 (Personal Data Protection Bill 2019) का विचार कर रही है. 

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चार नवंबर को समिति के सामने पेश होंगे रिलायंस जियो इन्फोकॉम और जियो प्लेटफार्म्स के प्रतिनिधि
बता दें कि संसद की संयुक्त समिति ने आंकड़ों (जानकारी) की सुरक्षा मुद्दे पर बुधवार को नोटिस जारी कर दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) तथा ऑनलाइन वाहन बुकिंग सेवा देने वाली ओला (Ola) और उबर (Uber) के प्रतिनिधियों को तलब किया था. नोटिस के अनुसार रिलायंस जियो इन्फोकॉम और जियो प्लेटफार्म्स के प्रतिनिधियों को समिति के समक्ष बयान देने को लेकर चार नवंबर को दो अलग-अलग बैठकों में उपस्थित होने को कहा गया है. वहीं ओला और उबर के प्रतिनिधियों को समिति के समक्ष अगले दिन यानी पांच नवंबर को उपस्थित होने को कहा गया है. एयरटेल और ट्रूकॉलर के प्रतिनिधियों को समिति के समक्ष अलग से छह नवंबर को उपस्थित होने को कहा गया है.

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फेसबुक, ट्विटर और अमेजन के प्रतिनिधि पहले ही रख चुके हैं अपनी बात
गौरतलब है कि सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक और ट्विटर तथा ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन के प्रतिनिधि पहले ही संसद की समिति के समक्ष अपनी बात रख चुके हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 11 दिसंबर, 2019 को निजी आंकड़ा संरक्षण विधेयक लोकसभा में पेश किया था. विधेयक में लोगों से जुड़ी उनकी निजी जानकारी के संरक्षण और आंकड़ा संरक्षण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव किया गया है. विधेयक को बाद में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त प्रवर समिति को भेज दिया गया. प्रस्तावित कानून किसी व्यक्ति की सहमति के बिना संस्थाओं द्वारा व्यक्तिगत आंकड़ों के भंडारण और उपयोग पर रोक लगाता है. (इनपुट भाषा)