उत्तराखंड के जोशीमठ में दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम शुरू हो रहा है। इस अभियान के तहत उन होटल, घर और भवनों को ढहाया जा रहा है, जिन्हें रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। कार्रवाई की शुरूआत दो होटलों से हुई है।
जोशीमठ में हालात लगातार बिगड़ते चले जा रहे हैं। भू-धंसाव के चलते तमाम घरों और होटलों में पड़ी दरारें बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं। ऐसे में जो घर और इमारतें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उन्हें जमींदोज करने का काम शुरू हो गया है। सबसे पहले टीम ने होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाया। इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक मौजूद थे। वहीं, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट जोशीमठ में क्षेत्र के हालात को लेकर आर्मी बेस में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं। पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल के दिशा निर्देशन में एसडीआरएफ की आठ टीमों को प्रथम चरण में जोशीमठ में तैनात किया गया है। एसडीआरएफ की यह टीमें अन्य इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जहां एक ओर भू धंसाव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर दिन और रात प्रभावित क्षेत्रों में कड़ी नजर रखते हुए प्रभावित लोगों का मनोबल बढ़ाने का काम भी कर रही है।
ये दोनों होटलें दरारों के चलते पीछे की तरफ झुक गए हैं। पिछले दिनों तकनीकी समिति ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी। इसमें सरकार को तत्काल जर्जर निर्माणों को ढहाने की अनुशंसा की गई थी। इन जर्जर संरचनाओं के कारण जान-माल के खतरे की आशंका जताई जा रही थी। जोशीमठ में दरारें लगातार लोगों को डरा रही हैं। प्रशासन की ओर से अब तक 678 घरों को चिन्हित किया गया है।
वहीं, जिला प्रशासन की हिदायत पर रिहायशी इलाकों के लोग घर खाली कर जा चुके हैं। बहुत सारे लोग अभी भी सामान समेट रहे हैं। ये लोग जोशीमठ छोड़कर जाने की तैयारी में हैं। इतना ही नहीं कई जगहों पर सड़क तक फट गई है। जमीन के नीचे से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है।
होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा का कहना है कि उन्हें प्रशासन की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मैं जनहित में अपने होटल को गिराए जाने के सरकार के फैसले के साथ हूं। लेकिन मुझे इससे पहले नोटिस मिलना चाहिए था और होटल का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा के मुताबिक, उन सभी भवनों को सिलसिलेवार गिराया जा रहा है। जिनमें ज्यादा दरारें आ चुकी हैं उनको पहले ढहाया जा रहा है। सबसे पहले असुरक्षित भवन गिराए जाएंगे। भवनों को गिराने के लिए विस्फोटकों की मदद नहीं ली जा रही है। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम मेकेनिकल तकनीक से भवनों को गिरा रही है। इसके लिए मजदूरों की मदद ली जा रही है।
साथ ही सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा खुद मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। मिश्रा जोशीमठ में ही कैम्प कर ग्राउंड जीरो पर एसडीआरएफ की कमान संभाले हुए हैं। वस्तुस्थिति देखने के बाद स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल एसडीआरएफ टीमों को प्रभावित क्षेत्र में दिन के साथ साथ रात्रि में भी कड़ी निगरानी रखने हेतु निर्देशित किया गया है। इस वजह से रात्रि में भी एसडीआरएफ टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावी गश्त के माध्यम से निगरानी करते हुए स्थिति पर नजर रखी जा रही है। आकस्मिक स्थिति होने पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में सहायता भी प्रदान की जा रही है।
वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट से एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र पहुंच गई है। जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति में कम से कम समय में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किया जा सके। इसके साथ ही आसपास की अन्य पोस्टों पर भी एसडीआरएफ के जवानों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी अकस्मात स्थिति के पैदा होने पर सभी टीमें कम से कम समय में त्वरित राहत और बचाव कार्य कर सकें
किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत के लिए जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम जोशीमठ तहसील का नंबर 8171748602 जारी किया गया है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के दूरभाष नंबर 01372-251437,1077 (टोल फ्री) 9068187120 और 7055753124 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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Source : IANS