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JNU छात्रसंघ चुनाव: वामपंथी गठबंधन, BAPSA या ABVP कौन मारेगा बाजी?

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थियों ने अगले एक वर्ष के लिए अपने छात्र प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए शुक्रवार को मतदान किया।

Updated on: 08 Sep 2017, 10:30 PM

नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थियों ने अगले एक वर्ष के लिए अपने छात्र प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए शुक्रवार को मतदान किया।

जेएनयू छात्र संघ के नए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव का चुनाव करने के लिए विश्वविद्यालय के लगभग 7,200 विद्यार्थियों के लिए कुल 14 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। मतदान सुबह 9.30 बजे शुरू हुआ और 5.30 बजे तक जारी रहा।

चुनाव में भाग लेने वाले प्रमुख छात्र समूहों में वामपंथी गठबंधन (एसएफआई-आईसा-डीएसएफ), वामपंथी एआईएसएफ, आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), कांग्रेस से संबंद्ध एनएसयूआई और बिरसा-अंबेडकर-फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बीएपीएसए) शामिल हैं।

इन पांचों के अलावा, दो स्वतंत्र उम्मीदवार फारूक आलम और गौरव कुमार भी अध्यक्ष पद के लिए मैदान में हैं।

विकलांग छात्र फारूक आलम ने बुधवार की रात को आयोजित अध्यक्ष पद के दावेदारों की बहस के दौरान सबसे ज्यादा तालियां बटोरीं। उन्होंने अपने व्यंग्यपूर्ण दंशों से दूसरे छात्र संगठनों की नीतियों पर प्रहार किए।

सभी छात्र संगठनों व गठबंधनों ने इस वर्ष अध्यक्ष पद के लिए महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।

एसएफआई-आईसा-डीएसएफ गठबंधन से गीता कुमारी, एबीवीपी से निधि त्रिपाठी, एआईएसएफ से अपराजिता राजा, एनएसयूआई से वृष्णिका सिंह जबकि शबाना अली को बीएपीएसए द्वारा मैदान में उतारा गया है।

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बीएपीएसए को वामपंथी संगठनों के कट्टर प्रतिद्वंद्वी के रूप में जाना जाता है। पिछले छात्र संघ चुनाव में वह एबीवीपी को पीछे छोड़कर दूसरे स्थान पर आई थी।

एक छात्र ने कहा कि दिन के पहले हॉफ में मतदान थोड़ा धीमा था, लेकिन दिन खत्म होते-होते मतदान में तेजी आई। चुनाव परिणाम 11 सितम्बर को घोषित किए जाएंगे।

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