जेएनयू छात्र शीतकालीन सत्र की फीस भरने को राजी, नहीं भरेंगे छात्रावास शुल्क
जेएनयू के छात्रों का कहना है कि जब तक फीस वृद्धि पूरी तरह वापस नहीं ली जाती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा.
highlights
- जेएनयू के छात्र नए शैक्षणिक सत्र का शुल्क भरने को राजी हुए.
- छात्रों से हॉस्टल की बढ़ी हुई फीस न भरने को कहा गया.
- फीस वृद्धि की पूरी वापसी तक छात्रों का विरोध जारी रहेगा.
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र अब नए शैक्षणिक सत्र का शुल्क भरने को राजी हो गए हैं. हालांकि छात्रों ने बढ़ी हुई हॉस्टल फीस का बहिष्कार जारी रखने का फैसला लिया है. जेएनयू के छात्रों का कहना है कि जब तक फीस वृद्धि पूरी तरह वापस नहीं ली जाती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा. छात्रा के मुताबिक उन्होंने यह फैसला मानव संसाधन मंत्रालय की अपील पर लिया है.
शनिवार शाम जेएनयू में छात्रों की एक बैठक के बाद शीतकालीन सत्र के लिए सेमेस्टर फीस जमा करवाने का फैसला लिया. इसके फैसले की जानकारी सभी छात्रों को भी मोबाइल संदेश के जरिए पहुंचाई जा रही है. जेएनयू छात्रा मीनाक्षी का कहना है कि उन्होंने अधिकांश छात्रों को यह जानकारी दे दी है. छात्रों से कहा गया है कि अगले शैक्षणिक सत्र के वह फीस के रूप में 120 रुपये का शुल्क जमा करवा दें. हालांकि छात्रों से हॉस्टल की बढ़ी हुई फीस न भरने को कहा गया है.
यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर: सुरक्षाबलों ने हिजबुल के 3 आतंकियों को धर दबोचा, साथ दे रहा डीएसपी भी गिरफ्तार
इससे पहले शुक्रवार को छात्रसंघ के नेताओं व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे के बीच बैठक हुई थी, जिसमें अमित खरे ने छात्रों से नए सेमेस्टर में शामिल होने की अपील की थी. जेएनयू छात्रा संगीता मेहरा का कहना है, 'सचिव ने हमसे पहला कदम आगे बढ़ाने की अपील की थी.' जेएनयू छात्रों का कहना है किसचिव अमित खरे की अपील को मानते हुए उन्होंने सेमेस्टर फीस भरने का फैसला किया है. उनका कहना है, 'हमने तो पहला कदम बढ़ा दिया, अब बारी जेएनयू प्रशासन की है. हमने जैसे मानव संसाधन मंत्रालय पर भरोसा किया है, वैसे ही प्रशासन को अपनी ओर से एक कदम आगे बढ़ाकर हमारी मांगें माननी चाहिए.'
वहीं छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने पुलिस व जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि 5 जनवरी से पहले ही विश्वविद्यालय का सर्वर बाधित कर दिया गया था. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे भी सर्वर से जुड़े थे, जिसके चलते कई स्थानों पर कैमरे काम नहीं कर रहे थे. पुलिस व प्रशासन के दावे को नकारते हुए शनिवार शाम कई छात्रों ने प्रशासन की ओर से जारी किए गए ईमेल सबूत के तौर पर सामने रखे. छात्रों का दावा है कि ये सभी ईमेल 5 जनवरी को उसी सर्वर के माध्यम से भेज गए थे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें