जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र सड़क पर उतर आए हैं. वो पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन पर उतरे हैं. सोमवार को संसद तक मार्च निकाल दिया है. कैंपस के बाहर धारा 144 लागू होने के बावजूद छात्र प्रदर्शन पर निकलें. छात्रों का गुस्सा सड़कों पर फूटने का कारण फीस में बढ़ोतरी और नए हॉस्टल नियमों को लेकर हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने फीस में कई गुना की बढ़ोत्तरी कर दी है. छात्रों को डबल सीटर रूम महज 10 रुपये महीने के किराए पर दिया जा रहा था जिसे बढ़ाकर 300 रुपये महीने कर दिया गया है. बताते हैं जेएनयू के फीस में कितने की हुई बढ़ोतरी-
रूमरेंट (सिंगल) का फीस पहले 20 रुपए था जिसे बढ़ाकर 600 रुपए किया गया. बाद में हंगामा होने पर इसे 300 रुपए कर दिया गया.
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रूमरेंट (डबल) का फीस पहले 10 रुपए था, जिसे बढ़ाकर 300 रुपए किया गया. बाद में इसे 150 रुपए कर दिया गया.
मेस सिक्योरिटी के लिए पहले 5500 रुपए देने होते थे, जिसे बढ़ाकर 12,000 रुपए दिए जाने थे. हंगामा होने के बाद फिर इसे 55 सौ कर दिया गया. सर्विस चार्जेज जो पहले था वहीं रहने दिया गया है.
यूटिलिटी चार्जेज जिसे पहले नहीं लिया जाता था उसे अब लेने का आदेश पारित हो गया है. यूटिलिटी चार्जेज 1700 रुपए कर दिया गया है.

मेस बिल में किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं दी गई है. ये जैसा है वैसा ही रहेंगा. वहीं क्रॉकरी बर्तन के सलाना 250 रुपये देने होंगे. वहीं इस्टैबलिशमेंट के लिए प्रति सेमेस्टर 11,00 रुपये देने होंगे.
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आपको बता दें रूम रेंट 3000 पर्सेंट तक बढ़ा दिया था, जिसके बाद जेएनयू के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. हालांकि बाद में इसमें बदलाव किए गए थे. लेकिन छात्रों की मांग है कि जो पहले फीस स्ट्रक्चर था वैसे ही रहने दिया जाए. रिवाइज्ड फीस स्ट्रक्चर को लेकर उनका गुस्सा आज फिर से फूटा है.
यह है छात्रों की मांगें-
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस लिया जाए.
हॉस्टल में ड्रेस कोड नहीं लागू किया जाए.
नया हॉस्टल मैन्यू पूरी तरह रद किया जाए.
हॉस्टल में छात्रों से कोई सर्विस चार्ज नहीं लिया जाए.
हॉस्टल में आने-जाने के लिए समय सीमा को खत्म किया जाए.