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mehbooba mufti (फाइल फोटो)
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को जेएनयू की उस महिला प्रोफेसर को द्वेषपूर्ण और मामलों की जानकारी से दूर करार दिया जिन्होंने कहा था कि जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर वाहनों की जांच के काम में ढिलाई पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा बरती गई थी. इसी राजमार्ग पर 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायिन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. लॉ, गवर्नेंस एवं आपदा अध्ययन की एक प्रोफेसर अमिता सिंह ने पीडीपी प्रमुख से कहा था कि अगर वह वाकई आतंकवादी घटना से दुखी हैं तो 'सार्वजनिक तौर पर जान से मारने के लिए 40 लोग' उपलब्ध कराएं.
सिंह ने ट्वीट किया था कि आरडीएक्स से भरे वाहन की जांच इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि 3 चेक बैरियर जांच को महबूबा मुफ्ती ने हटा दिया था. उन्होंने कहा कि अगर मुफ्ती इस घटना से वास्तव में दुखी हैं तो सार्वजनिक तौर पर जान से मारने के लिए वह 40 लोग सौंपे.
The RDX filled vehicle could not be checked as the 3 check barriers were removed by mehbooba mufti. Governor pl. reinstate everything removed by her. Mehbooba Mf. Should now hand over her 40 people for public execution if she really feels hurt for our 40 soldiers.culpability.
— AMITA SINGH (@amitawah) February 17, 2019
इस ट्वीट पर पीडीपी ने दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए प्रोफेसर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
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