जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में मां की ओर से दायर हेबियस कोर्पस याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इस मामले में अपना पहला स्टेटस रिपोर्ट बंद लिफाफे में दिल्ली हाई कोर्ट को सौंप दिया।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि उसके हाथ में इस मामले को आए बमुश्किल एक महीना ही हुआ है। सीबीआई ने कहा कि उसे जांच के लिए और अधिक समय चाहिए। मामले की अगली सुनवाई अब 8 अगस्त को होगी।
हेबियस कोर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका) वह याचिका है जिसके बाद अदालत किसी व्यक्ति को पेश करने के आदेश दे सकती है। नजीब की मां ने इस याचिका के जरिए दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार से अपने बेटे को कोर्ट में पेश करने की मांग की है।
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जेएनयू में एमएससी प्रथम वर्ष का छात्र नजीब अहमद 14-15 अक्टूबर, 2016 की रात से ही जेएनयू छात्रावास से गुमशुदा है। इसी साल मई में दिल्ली हाईकोर्ट ने नजीब की रहस्यमयी गुमशुदगी का मामला सीबीआई को सौंपा था। इसके बाद 2 जून को सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी।
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नजीब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों से कथित तौर झड़प के बाद से पिछले सात महीने से लापता है। वहीं, एबीवीपी ने मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।
हाई कोर्ट ने मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को तब सौंपा था, जब दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने देश भर में नजीब की तलाशी के लिए मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच की है, लेकिन उसके हाथ कोई सुराग नहीं लगा।
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HIGHLIGHTS
- जेएनयू का छात्र नजीब अहमद पिछले सात महीने से है लापता
- नजीब की मां ने दाखिल की थी हेबियस कोर्पस याचिका, सीबीआई ने जांच के लिए मांगा और समय
- पिछले महीने हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए सीबीआई को सौंपा था मामला
Source : News Nation Bureau