JNU प्रशासन के खिलाफ छात्रों की फीस पर नहीं है टीस, जानें क्या है असली वजह

जेएनयू प्रशासन ने अब छात्रावास के छात्रों के लिए जो नई नियावली तैयार की है, उसके मुताबिक रात 11 बजे के बाद कोई भी छात्र छात्रावास से बाहर नहीं रह सकेगा.

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Ravindra Singh
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जेएनयू के छात्रों, मीडिया के बीच संवाददाता सम्मेलन के दौरान नोकझोंक

जेएनयू में छात्रों का प्रदर्शन( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक हुई जिसके बाद नये हॉस्टल मैनुअल पर मुहर लगाने की तैयारी चल रही है. इस नये मैन्युअल के लागू होने के बाद फीस में बढ़ोत्तरी के अलावा छात्रों पर और बहुत सी पाबंदियां भी लगाई जाएंगी. छात्र इन्हीं पाबंदियों के चलते जेएनयू प्रशासन से पिछले 15-20 दिनों से नाराज हैं और विरोध प्रदर्शन पर बैठे हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि किन पाबंदियों की वजह से स्टूडेंट्स का गुस्सा जेएनयू से बाहर निकल कर दिल्ली की सड़कों पर आ गया है.

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बंद होगी देर रात तक ढाबों पर चलने वाली डिबेट
आपको बता दें जेएनयू कैंपस की रातें दूसरे विश्वविद्यालयों की तरह नहीं होती यहां के छात्रों की लाइफ स्टाइल एकदम अलग है. यहां कैंपस के आस-पास के ढाबों पर जेएनयू स्टूडेंट्स देर रात तक अलग-अलग मुद्दों पर डीबेट करते हैं इन डीबेट्स में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हिस्सा लेते हैं. यहां के छात्र रातों में प्रदर्शन और चर्चा का हिस्सा रहे हैं. लेकिन जेएनयू प्रशासन ने अब छात्रावास के छात्रों के लिए जो नई नियावली तैयार की है, उसके मुताबिक रात 11 बजे के बाद कोई भी छात्र छात्रावास से बाहर नहीं रह सकेगा. वहीं, लाइब्रेरी बंद होने के आंधे घंटे के भीतर ही छात्रों को वापस छात्रावास में आना होगा.

नए प्रस्तावित नियमावली के मुताबिक अगर कोई छात्र देर रात तक छात्रावास से बाहर रहना चाहता है, तो उस छात्र को इसके लिए उससे संबंधित वॉडर्न को लिखित में सूचित करना होगा. इसके अलावा हॉस्टल में आईडी कार्ड के जरिए ही एंट्री मिलेगी. नये प्रस्तावित नियमों के मुताबिक कोई भी अतिथि (गेस्ट) किसी भी छात्र के छात्रावास में रात 10:30 बजे के बाद नहीं ठहर सकता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो छात्र पर तीन से 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और साथ में छात्रावास खाली करने को भी कहा जा सकता है.

अगर छात्र धरने पर बैठे तो उनके लिए दंड का प्रावधान होगा
जेएनयू की नयी नियमावली के मुताबिक अगर छात्रावास के छात्र विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन करेंगे या फिर विश्वविद्यालय परिसर में रह रहे प्रतिनिधि का घेराव करेंगे तो ऐसे छात्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. जेएनयू से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2005 के बाद से जेएनयू की नियमावली में बदलाव नहीं किए गए थे जिसके बाद अब नियमावली में बदलाव के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है.

लेफ्ट के छात्र ही नहीं एबीवीपी के छात्र भी प्रदर्शन पर
आपको बता दें कि जेएनयू में फीस बढ़ोत्तरी को लेकर लेफ्ट ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन एबीवीपी के छात्र भी बुधवार को साबरमती ढाबा से यूजीसी कार्यालय तक मार्च निकाल रहे हैं. वहीं जेएनयू छात्र संघ लगातार हॉस्टल टाइमिंग का भी विरोध कर रहा है. बुधवार को एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक से ठीक पहले ही छात्रसंघ ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. छात्रसंघ जेएनयू प्रशासन पर बिना जानकारी दिए ईसी बैठक का स्थान बदलने का आरोप लगा रहा है.

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